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22 दिसम्बर को है अन्नपूर्णा जयंती : रसोईघर में पूजा करने से भरा रहता हैं अन्न का भंडार

ज्योतिष डेस्क : धरती पर अगर अन्न न हो तो शायद जीवन भी संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए तो अन्न को जीवन का अति महत्वपूर्ण अंग माना जाता हैं, और जिनके उपर मां अन्नपूर्णा की कृपा हो जाये तो फिर उनके जीवन में कभी भी किसी चीज का अभाव नहीं रहता। हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को मां अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन रसोईघर में चूल्हे आदि का पूजन करने से घर परिवार में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती और मां अन्नपूर्णा की कृपा सदैव बनी रहती हैं । साल 2018 में 22 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनायी जायेगी । शास्त्रों में उल्लेख आता है कि एक बार जब धरती पर अन्न की कमी हो गयी तो जगतजननी मां पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप लेकर धरती पृथ्वी लोक पर अन्न की पूर्ति की थी, जिस दिन माता अन्नपूर्णा धरती पर प्रगट हुई थी उस दिन मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि ही थी । तभी से मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि एक बार जब धरती पर पानी और अन्न समाप्त होने लगा जिससे चारों ओर हाहाकार मचने लगा और मनुष्य ने अन्न की समस्या से मुक्ति के लिए भगवान श्री ब्रह्मा जी एवं भगवान श्री विष्णु जी की आराधना प्रारंभ कर दी ।

मनुष्यों की करूण पुकार सुनकर श्री ब्रह्म देव एवं श्री विष्णु जी ने आदिदेव भगवान शिवजी की आराधना की प्रसन्न होकर शिवजी ने माता पार्वती से मनुष्यों की समस्या को दूर करने का आग्रह किया जिससे माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप धारण करके सभी की समस्या का समाधान कर धरती पर अन्न का भंडार भर दिया । तभी से सभी देवों के साथ धरती के मनुष्यों ने भी मां अन्नपूर्णा की पूजा आराधना शुरू कर दी ।
कैसे करें पूजा
– अन्नपूर्णा जयंती 22 दिसंबर 2018
– अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोईघर साफ सफाई करके गंगाजल छिड़कें।
– भोजन पकाने वाले चूल्हे का हल्दी कुमकुम चावल पुष्प धुप दीपक जलाकर पूजन करें ।
– रसोई में ही माता पार्वती एवं भगवान शंकर जी की पूजा भी करें।
– मां अन्नपूर्णा की पूजा भी रसोई घर में ही उपरोक्त विधि से करते हुए प्रार्थना करें कि हे माता हमारे घर परिवार में सदैव अन्न जल भरा रहे।
– पूजन करने के बाद गरीबों को अपने घर में बना हुआ भोजन जरूर खिलायें।

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