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2+2 वार्ता में उठा हिंद महासागर का मुद्दा

नई दिल्ली : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दखल को वाशिंगटन ने खतरे के रूप में देखा है। दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दिलचस्पी और हस्तक्षेप से अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। अमेरिका ने इस क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण का खुलकर समर्थन किया है। भारत और अमे‍रिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आ रही चुनौतियों को मिलकर मुकाबला करने पर अपनी सहमति जताई है। अमेरिका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भारत के व्यापक भूमिका पर जोर दे रहा है। इस खबर से ड्रैगन के कान खड़े हो गए हैं। इसके साथ आतंकवाद से निपटने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ एक साझा रणनीति पर अपनी सहमति जताई। इसके अलावा भारत और अमेरिका ने आतंकवाद मसले पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए। अमेरिका ने कहा इस क्षेत्र में सहयोग को और भी व्यापक किया जाएगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच कई साझा मुद्दों को गिनाया, जिस पर दोनों देश एक साथ काम करने पर राजी हुए।

भारत और अमेरिका के बीच 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता में यह मुद्दा छाया रहा। दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने को राजी हुए। इस बैठक में आतंकवाद पर भी चिंता जाहिर की गई। भारत और अमेरिका ने इससे निपटने के लिए साझा रणनीति के अमल पर अपनी सहमति जताई। यह कहा गया कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर दोनों देश मिलकर काम करेंगे। गौरतलब है कि अमेरिका भारत के साथ हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में बड़ी नौसैनिक साझेदारी की संभावना पर कार्य कर रहा है। अमेरिका के नौसेना प्रमुख एडमिरल जॉन रिचर्डसन का हाल में भारत दौरा के दौरान दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करने पर वार्ता हुई थी। इस दौरान शीर्ष स्तर पर दोनों देशों की नौसेनाओं ने अपने विचार और उद्देश्य साझा किए और बहुमुखी तालमेल बढ़ाने का फैसला किया गया था।

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