मुंबई के भायखला में एक अनाथालय में चार बच्चों समेत 22 लोग कोविड पॉजिटिव
मुंबई: मुंबई के भायखला स्थित सेंट जोसेफ अनाथालय एवं स्कूल में 22 लोगों में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई है. यहां सामने आए इन मामलों में ज्यादातर बच्चियां और टीनएजर लड़कियां शामिल हैं. इनमे से 12 साल से कम उम्र की चार बच्चियों को मुंबई सेंट्रल स्थित नायर हॉस्पिटल के बच्चों के वॉर्ड (Paediatric ward) में एडमिट कराया गया है. जबकि अन्य 18 को भायखला के ‘Richardson and Cruddas’ कोविड केयर सेंटर में भेजा गया है.
ये सेंट जोसेफ अनाथालय एवं स्कूल भायखला के अग्रिपाड़ा इलाके में है. ये अनाथालय केवल लड़कियों और महिलाओं के लिए बनाया गया है. BMC के अधिकारियों के अनुसार, इनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं और सबकी स्थिति सामान्य बनी हुई है. BMC ने बताया, 12 साल से कम उम्र की चार बच्चियों के अलावा इनमें से 12 लड़कियां 12 से 18 की एजग्रुप की हैं. जबकि इनमें छह वयस्क भी शामिल हैं. जिनमें से एक 71 वर्षीय महिला अनाथालय के किचन में काम करती है.
सोमवार को अनाथालय की दो लड़कियों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसके बाद यहां रहने वाली सभी बच्चियों और स्टाफ का कोविड टेस्ट किया गया था. भायखला ई वॉर्ड के असिस्टेंट म्यूनिसिपल कमिश्नर मनीष वालुंजे ने बताया, “हमनें 24 अगस्त को यहां एक टेस्टिंग कैंप लगाया था. अनाथालय में रहने वाली बच्चियों और स्टाफ समेत कुल 95 लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया था. 25 अगस्त को आई रिपोर्ट में इनमें से 22 में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई है. जिसके बाद हमनें एहतियातन बच्चियों को नायर हॉस्पिटल और अन्य को भायखला के कोविड केयर सेंटर में भेज दिया है.”
यहां के अन्य लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पांच दिन बाद एक बार फिर अनाथालय में सभी का कोविड टेस्ट किया जाएगा. प्रोटोकॉल के तहत अनाथालय को सेनिटाइज करने के साथ ही सील भी कर दिया गया है और यहां के अन्य सभी लोगों को क्वॉरंटीन कर दिया गया है. इन 22 लोगों में डेल्टा या डेल्टा प्लस की पुष्टि के लिए सभी के सैम्पल जिनोम सिक्वेनसिंग (genome sequencing) के लिए भेजे गए हैं. भायखला ई वॉर्ड के हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर शैलेंद्र गुजर ने बताया, “सभी 22 लोगों के सैम्पल जिनोम सिक्वेनसिंग के लिए कस्तूरबा हॉस्पिटल भेजे गए हैं. हम वेरिएंट का पता लगाने के लिए इन टेस्ट के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं. इन सभी मरीजों के स्वास्थ्य पर हम लगातार नजर बनाए हुए हैं. अगर साथ दिनों तक इन सभी की स्थिति सामान्य रहती है तो इन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.”