
पवन-मुक्त आसन करने के लिए सर्वप्रथम चित लेट जायें (शवासन में)। पैरों को पास, हाथों को शरीर के बराबर में ज़मीन पर रख लें, धीरे से दायें पैर को घुटने से मोड़कर, दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फसांते हुए दाएँ घुटने के नीचे से पैर को थामिये अब ठोड़ी को घुटने से लगाइए फिर सिर को वापिस पीछे रखते हुए पैर को भी सीधा कर लीजिए। ठीक इसी तरह बायें पैर से भी दोहराइये, 4-5 बार दोनों तरफ से दोहराएँगे। साँस लेते हुए पैर को थामिये और साँस को निकलते हुए ठोड़ी को घुटने से लगाइए। इसी आसन को दोनो पैरों से ठीक इसी तरह दोहराएँगे।
कमर दर्द के रोगी गर्दन को नही उठाएँगे ,केवल पैर को ही पेट से लगाएँगे। क़ब्ज़ के लिए लाभदायक। वायु विकार में चमत्कारिक लाभ। पाचन तंत्र को मजबूत करता है। पेट की चर्बी को कम करता है। घुटनों में लाभ देता है, स्त्री रोगों में भी लाभप्रद।