मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करना सभी की जिम्मेदारी : डा. जगदीश गाँधी
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने विषम परिस्थितियों में हौसला बनाये रखने वाले सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेधावी छात्र अनमोल श्रीवास्तव को आज यहाँ सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में एक लाख रूपये का चेक प्रदान कर सम्मानित किया और शिक्षा के प्रति उसकी रूचि एवं मेधात्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में डा. जगदीश गाँधी ने अन्य सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं से अपील की कि अनमोल को अधिक से अधिक आर्थिक सहायता प्रदान करें जिससे पिता का साया उसके सिर से उठने के बाद भी उसकी शिक्षा-दीक्षा में कोई रूकावट न आये। डा. गाँधी ने विश्वास व्यक्त किया कि सी.एम.एस. का यह होनहार छात्र आगे चलकर निश्चित ही देश का नाम रोशन करेगा। विदित हो कि इस वर्ष की आई.एस.सी. (कक्षा-12) की बोर्ड परीक्षा में गणित के पेपर के दिन ही अनमोल के पिता का आकस्मिक देहान्त हो गया था, जिसके बाद भी उसने परीक्षा दी और गणित में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। इसके अलावा, दूसरे दिन अंग्रेजी की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक अर्जित किये। कुल मिलाकर अत्यन्त विषम परिस्थितियों के बावजूद अनमोल ने 98.25 प्रतिशत अंको के साथ कक्षा-12 की परीक्षा अत्यन्त ही शानदार ढंग से उत्तीर्ण की।
प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि अनमोल कक्षा-5 से ही सी.एम.एस. का छात्र रहा है और विद्यालय की शिक्षा पद्धति के अनुरूप ही उसमें अद्भुत संयम, धैर्य, मेधात्व आदि गुणों का समावेश है। पिता की मृत्यु के उपरान्त भी अनमोल ने जिस साहस एवं शिक्षा के प्रति अपनी लगन का परिचय दिया, वह अभूतपूर्व तो है ही, साथ ही अन्य छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत है। डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करना हम सबकी जिम्मेदारी है जिससे आगे चलकर ये भावी पीढ़ी सामाजिक उत्थान में रचनात्मक भूमिका निभा सके।
इस अवसर पर सी.एम.एस. के मेधावी छात्र अनमोल श्रीवास्तव की माता रेखा श्रीवास्तव ने विद्यालय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सी.एम.एस. हमारे परिवार की तरह है। दुख की इस घड़ी में सी.एम.एस. परिवार जिस प्रकार हमारे साथ खड़ा है, उससे हमारा हौसला बढ़ा है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनमोल श्रीवास्तव ने कहा कि सी.एम.एस. की प्रेरणा ही बोर्ड परीक्षा में मेरी सफलता का आधार है। पिता की मृत्यु के उपरान्त मेरे विद्यालय के शिक्षकों ने लगातार मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे प्रेरणा दी कि मैं अपने पिता के सपनों को साकार कर सकूँ।