मन मोह लेती है मथुरा की सुंदरता
मथुरा-वृंदावन और आसपास के इलाके में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के अनगिनत मंदिर हैं, जहां हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इनमें से कुछ मंदिर एकदम खास हैं, जहां सिर नवाए बगैर कोई जाना नहीं चाहता, यहां मथुरा-वृंदावन के कुछ ऐसे ही मंदिरों की एक झलक पेश की गई है। श्रीकृष्णजन्मभूमि मंदिर मथुरा नगरी के बीचोंबीच ही स्थित है। मान्यता के अनुसार यहीं भगवान गोपाल का जन्म हुआ था। मंदिर अत्यंत प्राचीन है, इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर की आरती विशेष रूप से दर्शनीय होती है। मंदिर में मुरली मनोहर की सुंदर मूर्ति विराजमान है। मथुरा में पावन यमुना नदी पर कई घाट बने हुए हैं। द्वारकाधीश मंदिर के पास यमुना नदी के घाट पर श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते हैं और नौका-विहार का भी आनंद लेते हैं। वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालु प्रभु की कृपा पाने आते हैं। दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। हर कोई प्रभु की एक झलक पाने को लालायित रहता है। वृंदावन में ही दाऊजी मंदिर है। इसमें श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलरामजी की प्रतिमा विशेष रूप से दर्शनीय है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण आज भी रात के वक्त राधारानी के साथ रास रचाने निधिवन पधारते हैं। रात को निधिवन पूरी तरह से खाली हो जाता है, तब यहां कोई पशु-पक्षी भी नहीं रहते। वृंदावन का प्रेम मंदिर अत्यंत भव्य है, रात के वक्त भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं होती। प्रेम मंदिर की सजावट एकदम खास तरीके से की गई है। रात के वक्त इसका रंग हमेशा बदलता रहता है। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में राधेकृष्ण की प्रतिमा एकदम मनोहारी है, जो भी इन्हें देखता है, मुग्ध हुए बिना नहीं रहता।
वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु झूमते-गाते हुए प्रभु की आराधना करते हैं, यहां विदेशी श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी तादाद होती है। मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर भी आकर्षक है।