प्रत्येक भगवान के राशि मंत्र पुराणों में वर्णित हैं। 12 राशियों के जातक के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नवग्रहों की प्रतिकूलता दूर करने और अनुकूलता लाने के लिए भी मंत्र बताए गए हैं। कई ऐसे उदाहरण है जो प्रमाणित करता है कि अगर सही दिशा में प्रयास किए जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। आइए जानते हैं अपनी राशि के उस विष्णु मंत्र को, जिसे पढ़कर लक्ष्मी पति नारायण प्रसन्न होते हैं और कष्ट, दरिद्रता से छुटकारा दिलाते हैं।
मेष- ॐ ह्रीं श्रीं श्रीलक्ष्मीनारायणाय नम:।
वृष- ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नम:।
मिथुन- ॐ क्लीं कृष्णान नम:।
कर्क- ॐ ह्रीं हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:।
सिंह- ॐ क्लीं ब्राह्मणे जगदाधाराय नम:।
कन्या- ॐ पीं पिताम्बराय नम:।
तुला- ॐ तत्वनिरंजनाय तारक रामाय नम:।
वृश्चिक- ॐ नारायणाय सूरसिंहाय नम:।
धनु- ॐ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वजाय नम:।
मकर- ॐ श्रीं वत्सलाय नम:।
कुंभ- ॐ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम:।
मीन- ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:।