ज्योतिष डेस्क : सिख मत के पहले गुरु कहे जाने वाले गुरु नानक देव के जन्मदिन को हर वर्ष प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है, उनका जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन हुआ था और इस साल गुरु नानक जयंती का पर्व 23 नवंबर को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव वैसे तो मुख्य रूप से सिख धर्म के गुरु माने जाते हैं, लेकिन हिंदू धर्म में भी प्रकाश पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों व पवित्र विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती यानी प्रकाश पर्व के खास मौके पर उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं और संदेशों को दोहराया जाता है, उन्होंने भाईचारा, एकता और जातिवाद को मिटाने के लिए कई उनमोल उपदेश दिए थे। गुरु नानक देव जी ने ‘इक ओंकार’ का नारा दिया था, जिसका तात्पर्य यह है कि ईश्वर एक हैं और वे हर जगह मौजूद हैं। हम सभी के पिता एक ही हैं, इसलिए हमें सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। उन्होंने मानव जाति को यह सीख दी थी कि व्यक्ति को मेहनत करके न्यायोचित तरीके से धन कमाना चाहिए और किसी भी तरह के लोभ में नहीं पड़ना चाहिए।
व्यक्ति को कभी किसी का हक नहीं मारना चाहिए, हमेशा मेहनत और ईमानदारी से कमाना चाहिए व अपनी कमाई से जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। लोगों को हमेशा प्रेम, एकता, समानता और भाईचारे की दृष्टि से देखना चाहिए, कभी किसी के दिल को दुखाना नहीं चाहिए। धन, दौलत को कभी भी अपने हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए, ऐसा करने से नुकसान सिर्फ हमारा ही होता है, इसलिए धन को हमेशा जेब तक ही सीमित रखें। गुरु नानक देव जी ने यह उपदेश दिया था कि प्रत्येक स्त्री और पुरुष एक समान हैं, किसी में भेदभाव नहीं करना चाहिए और स्त्री जाति का हमेशा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह बताया था कि तनाव मुक्त रहकर अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा व्यक्ति को हृदय से प्रसन्न रहना चाहिए। उन्होंने उपदेश दिया था कि व्यक्ति संसार को तभी जीत सकता है, जब वो अपने भीतर के विकारों और बुराईयों पर विजय हासिल कर ले। व्यक्ति को अहंकार कभी नहीं करना चाहिए, क्योंकि अहंकार ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन होता है, इसलिए हमेशा सभी के साथ विनम्रता के साथ पेश आना चाहिए। संसार में रहने वाले लोगों को एक ही परिवार का हिस्सा।