नई दिल्ली: डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि दिल्ली सचिवालय में रेड के पीछे वित्तमंत्री अरुण जेटली का हाथ है। पिछले 15 सालों में डीडीसीए में जेटली की सहमति से भ्रष्टाचार हुआ। सिलेक्शन से लेकर जिलों में फर्जीवाडा़, नियुक्तियों से लेकर पैंसों के लेन-देन में गड़बड़ी की गई है। हमारे वित्तमंत्री की देखरेख में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु
- डीडीसीए ने अरुण जेटली की अध्यक्षता में स्टेडियम के लिए 24 करोड़ का बजट बनाया, लेकिन 114 करोड़ खर्च किए गए। 90 करोड़ रुपये का क्या हिसाब है?
- कुल 9 कंपनियों को काफी मोटी रकम का भुगतान किया गया।
- 5 कंपनियों का पता भी एक, निदेशक भी एक
- तीन कंपनियों को दिए गए कर्ज का कोई हिसाब नहीं।
- डीडीसीए के खजांची नरेंद्र बतरा से अरुण जेटली का क्या रिश्ता है
- जो व्यक्ति DDCA का कानूनी रूप से ऑडिटर है, उसके खिलाफ खुद इस बैलेंस शीट को लेकर करप्शन के लेकर आरोप हैं।
- डीडीसीए में स्कूल कॉलेजों के बच्चे नहीं खेल सकते। इसे एलीट क्लास का क्लब बना दिया गया
- एक ही काम के लिए 16 कंपनियों को पैसे दिए गए
- डीडीसीए के कंस्ट्रक्शन में घोटाला हुआ
- 1.55 करोड़ का लोन तीन कंपनियों को
- कंपनियों को दिए लोन पर ठोस जवाब नहीं
- कुछ कंपनियों को बिना काम के पैसे दिए गए
- आप ने कहा कि हम वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे और इस पूरे मामले में जांच की मांग करते हैं।
- जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर जांच आयोग बिठाने की बात की तो छापे मारे गए