अद्धयात्म
25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का यह भी है एक रहस्य
क्रिसमस सदियों से मनाया जाता रहा है। इस त्योहार से आज कई परंपराएं जुड़ गई हैं, लेकिन ये हमेशा से इसके साथ नहीं थीं…
25 दिसंबर नहीं था क्रिसमस
क्रिसमस को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन बाइबल में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि 25 दिसंबर को ही उनका जन्म हुआ था।
अधिकतर इतिहासविद् मानते हैं कि जीसस क्राइस्ट बसंत के दिनों में जन्मे थे। तीसरी शताब्दी के बाद इसे आधिकारिक छुट्टी बनाया गया। कइयों का मानना है कि इस तारीख का चुनाव सैटर्नालिया त्योहार भी इसी दिन होने की वजह से किया गया।
सैटर्नालिया कृषि के देवता सैटर्न से जुड़ा हुआ है, जिसमें पार्टी की जाती है और उपहारों का आदान-प्रदान भी होता है।
मजेदार कहानी
क्रिसमस पर उपहार देने की परंपरा नीदरलैंड्स से आई है। यहां 6 दिसंबर को सेंट निकोलस फीस्ट डे मनाया जाता है, जिसमें बच्चे रात में जूते बाहर छोड़ते हैं और सुबह उनको उसमें उपहार मिलते हैं।
एक मान्यता के अनुसार, एक गरीब आदमी अपनी तीन बेटियों की शादी नहीं कर पा रहा था, सेंट निकोलस ने सोने से भरा एक बैग चिमनी से अंदर गिराया।
यह बैग आग के पास सूख रहे एक स्टॉकिंग में गिर गया। तभी से स्टॉकिंग्स में उपहार रखने की परंपरा शुरू हो गई।