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25 साल बाद सपा और बसपा ने किया साझा प्रेस काॅन्फ्रेंस, भाजपा पर किया हमला

लखनऊ : अवैध रेत खनन घोटाले पर अखिलेश यादव तक जांच की आंच पहुंचने पर एसपी-बीएसपी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। माना जा रहा है कि 25 साल बाद दोनों पार्टियों की यह साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस है। एसपी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव और बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी तो गठबंधन एसपी-बीएसपी का गठबंधन हुआ भी नहीं और सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया। उधर, कांग्रेस भी अखिलेश के बचाव में उतर आई है। राम गोपाल यादव ने कहा, केंद्र के इशारे पर सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। अभी तो हमारे गठबंधन की बात ही हुई है। सड़क पर आए तो बीजेपी का चलना भी मुश्किल होगा। हताशा में सरकार ने सीबीआई से गठबंधन कर लिया है। सरकार तोते (सीबीआई) का इस्तेमाल कर रही है। वहीं बीएसपी भी खनन घोटाले में सीबीआई छापे पर एसपी का साथ देती नजर आई। सतीश मिश्रा ने कहा कि नए साल पर दोनों पार्टी के नेताओं की दिल्ली में औपचारिक मुलाकात से बीजेपी हताशा में है और इसीलिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, खनन घोटाले में आईएएस अधिकारी के ऊपर एफआईआर है। एफआईआर इस बात की है कि प्रदेश में जो कानून बनाया उसका उल्लंघन करके उन्होंने अलॉटमेंट किया। तो इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश के ऊपर इल्जाम कैसे आ गया। उन्होंने कहा, वर्तमान में खनन मंत्री की नाक के नीचे उनके दफ्तर में बैठकर उनके सचिव लेनदेन कर रहे हैं। उसमें मंत्री का कसूर नहीं है क्या? सतीश मिश्रा ने कहा, सरकार हताशा में आकर एक नया गठबंधन ढूंढ रही है। कहीं खिचड़ी पका रहे हैं कहीं बना रहे हैं। कहीं कह रहे हैं कि राम मंदिर बनाएंगे, फिर कह रहे हैं कि राम मूर्ति बनाएंगे, जब इससे भी बात नहीं बनी तो भगवान की जाति बता रहे हैं। जिसके लिए कहा जाता है कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे, कम से कम उससे तो डरो। देश में डेमोक्रेसी खत्म करके अराजकता की बात कर रहे हैं। पूरा यूपी कराह रहा है। उधर कांग्रेस भी खुलकर अखिलेश के पक्ष में आई। बीएसपी-एसपी ने तो साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमला बोला तो कांग्रेस भी खुलकर अखिलेश के बचाव में सामने आई। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, केंद्र सरकार एजेंसी का मिसयूज कर रही है। चुनाव के नजदीक आने पर ही क्यों ऐक्शन हुआ।

प्रदेश में गठबंधन से डरकर बीजेपी ने सीबीआई से कार्रवाई कराई है। कुछ और पार्टियों पर भी बीजेपी ऐसी कार्रवाई करा सकती है। गौरतलब है कि यूपी की चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई छापों के बाद अब अवैध रेत खनन मामले की आंच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती दिख रही है। अब वह सीबीआई के रेडार पर हैं और उनसे पूछताछ हो सकती है। सीबीआई के मुताबिक 2011 के बाद से यूपी के सभी खनन मंत्रियों से पूछताछ हो सकती है। 2012 से 2017 के बीच मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था। इससे उनकी भूमिका जांच के दायरे में आ जाती है। उनके बाद 2013 में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे और चित्रकूट में एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद 2017 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यह प्राथमिकी सीबीआई द्वारा 2 जनवरी 2019 को दर्ज किए गए अवैध खनन के मामलों से जुड़ा है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है, जब एक समय में चिर प्रतिद्वंद्वी रहीं एसपी और बीएसपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी का मुकाबला करने के लिए आपस में हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। सीबीआई हमीरपुर जिले में 2012-16 के दौरान अवैध रेत खनन मामले की जांच कर रही है।

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