कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 25.50 की कटौती
नई दिल्ली : बीते दिन नेचुरल गैस की कीमतों में हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद आज यानी एक अक्टूबर को LPG सिलेंडर की कीमतों में कटौती हुई है. हालांकि, ये कटौती घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दामों (LPG Price) में नहीं बल्कि कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के रेट में हुई है. 19 किलो वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर आज से राजधानी दिल्ली में 25.50 रुपये सस्ता हो गया है. इसके अलावा कई शहरों में दाम घटे हैं. पिछले महीने की पहली तारीख को भी कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई थी. आज से एलपीजी सिलेंडर के नए रेट जारी हो गए हैं.
IOCL के अनुसार, एक अक्टूबर 2022 को दिल्ली में इंडेन के 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 25.50 रुपये कम हुए हैं. वहीं, कोलकाता में 36.50 रुपये, मुंबई में 32.50 रुपये और चेन्नई में 35.50 रुपये कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती हुई है. इस कटौती के बाद राजधानी दिल्ली में आज से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1859.50 रुपये पर मिलेंगे.
कोलकाता में आज से कमर्शियल LPG सिलेंडर 36.50 रुपये सस्ता होकर 1,995.50 रुपये में मिलेगा. इसी तरह मुंबई में इसकी कीमत 1,844 रुपये से 35.50 रुपये कम होकर 1811.50 रुपये हो गई है. चेन्नई में कमर्शियल LPG सिलेंडर 35.50 रुपये सस्ता हुआ है. हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर की कीमतें तय होती हैं. कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल अधिकतर होटलों और रेस्टोरेंट में होता है.
नेचुरल गैस की कीमतों में रिकॉर्ड 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ी हुई दर एक अक्टूबर से लागू होगी जो 31 मार्च 2023 तक जारी रहेगी. नेचुरल गैस की दरों में हुई भारी बढ़ोतरी की वजह से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका है.
पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत आने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आदेशानुसार मौजूदा समय में एक यूनिट नेचुरल गैस की कीमत 6.1 डॉलर (लगभग) 500 रुपये प्रति यूनिट) है, जो बढ़कर 8.57 डॉलर (करीब 700 रुपये) प्रति यूनिट हो गई है. जैसे क्रूड ऑयल की यूनिट प्रति बैरल में मापी जाती है, उसी तरह नेचुरल गैस की यूनिट ‘प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट’ होती है.
जिस तरह पेट्रोल-डीजल को बनाने के लिए क्रूड ऑयल का उत्पादन तेल के कुंओं से होता है. उसी तरह गैस बेस्ड प्लांट चलाने से लेकर सीएनजी और पीएनजी बनाने के लिए नेचुरल गैस का इस्तेमाल होता है. इन्हें भी ऑयल फील्ड से ही निकाला जाता है.