उत्तराखंड

उत्तराखंड के कैंसर अस्पताल में 25 प्रतिशत बेड रहेंगे आरक्षित , मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

देहरादून ( दस्तक ब्यूरो) : उत्तराखंड की सरकार स्वास्थ्य को एक मानवाधिकार के रूप में देखती है और अपनी क्षमता के अंतर्गत नागरिकों को प्राथमिक और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। धामी सरकार में उत्तराखंड में स्वास्थ्य अवसंरचनाओं का आधुनिकीकरण किया जाना जारी है। आम बीमारियां हो या दुर्लभ बीमारियां उनकी पहचान और निदान के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता के साथ काम करने के निर्देश भी प्रशासन द्वारा दिए जा चुके हैं और अब उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा निर्णय लिया है।

अब राज्य में कैंसर अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके लिए उत्तराखंड की पहली नवनियुक्त महिला मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देहरादून के हर्रावाला में पीपीपी मोड पर संचालित होने वाले कैंसर अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि संचालन के पहले दिन से ही अस्पताल में सभी सुविधाओं की व्यवस्था हो। आपको बता दें कि हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर्रावाला में खुलने वाले कैंसर अस्पताल और हरिद्वार में 200 बेड वाले मातृ-शिशु स्वास्थ्य केंद्र की वित्त व्यय समिति की बैठक हुई है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि अगले वर्ष हर्रावाला में खुलने वाले अस्पताल में कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरणों, उपचार सुविधाओं तथा मानव संसाधन की उपलब्धता को एक साथ सुनिश्चित किया जाए।

कुमाऊ क्षेत्र में कैंसर का प्रभाव ज्यादा:

उत्तराखंड भात करें तो कुमाऊ क्षेत्र में कैंसर के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं मंडल में भी कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर चिकित्सालय का साल 2009 में शुभारंभ हुआ जहां बीते 13 साल में कैंसर मरीजों की संख्या दो गुना से अधिक वृद्धि हुई। साल 2010 में जहां कैंसर के कुल 2889 मरीज ही इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचते थे, वहीं साल 2023 तक दायरा करीब दो गुना तक बढ़ा है। कैंसर अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों की संख्या करीब 6574 तक पहुंची है, जिसमें ओपीडी से लेकर भर्ती मरीजों की संख्या शामिल है।

स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. केसी पांडे ने बताया है कि चिकित्सालय में हर साल हजारों की तादाद में कैंसर रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें सबसे ज्यादा पुरुषों में सिर, गर्दन और मुंह का कैंसर, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के केस सामने आये हैं। बीते कुछ सालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टरों के मुताबिक अगर शरीर में कोई गांठ आदि है या कोई बदलाव महसूस हो रहा है तो उसे नजरअंदाज न करें, तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

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