नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में प्रदूषण (pollution) का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने से लोगों का बुरा हाल है। दिल्ली के अस्पतालों की ओपीडी में सांस, आंखों में जलन और सामान्य फ्लू जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ गई है। एम्स के सांस रोग विभाग (Respiratory Disease Department of AIIMS) की ओपीडी में खांसी, गले में खराश और दमा (sore throat and asthma) के शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
सांस रोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर करन मदान का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण की वजह से ओपीडी में इससे जुड़े मरीजों की संख्या 20 से 25 फीसदी तक बढ़ी है। प्रदूषण में इजाफा होने के कारण गले में खराश, सांस लेने पर छाती में भारीपन, खांसी-जुकाम, बदन और सिर दर्द के मामले में वृद्धि हुई है।
ये लक्षण दिख रहे
– सांस लेने में तकलीफ
– छाती में भारीपन
– लगातार खांसी और नाक का बहना
– आंखों में जलन
– सिर दर्द और थकान महसूस होना
क्या करें
– अस्थमा और सांस के मरीज डॉक्टर द्वारा लिखी गईं दवाएं और इन्हेलर का इस्तेमाल करते रहें।
– सुबह और शाम को तापमान कम रहता है तो पीएम 2.5 और इससे छोटे प्रदूषक कण जमीन के पास अधिक समय तक रहते हैं। ऐसे में जरूरी न हो तो बाहर न निकलें।
– अच्छी क्वालिटी का मास्क लगाएं, प्रदूषण का मास्क सर्जिकल मास्क (surgical mask) से बेहतर होना चाहिए।
– बाहर से घर आने पर गर्म पानी से गरारे और भाप लेने से राहत मिलती है।
अपोलो अस्पताल के सांस रोग विभाग की ओपीडी में खांसी, जुकाम और छाती में भारीपन की परेशानी के बाद आए लोगों की संख्या 20 तक बढ़ गई है। अस्पताल के डॉ. राजेश चावला का कहना है कि हम ऐसे मरीज देख रहे हैं जो पहले ठीक थे, लेकिन प्रदूषण बढ़ने पर वे अस्पताल आ रहे हैं।
परेशानी बताने वाले परिवारों की संख्या में हुआ इजाफा
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (community social media platforms) द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। सर्वे के अनुसार, प्रदूषण की वजह से परेशानी बताने वाले परिवारों की संख्या में बीते पांच दिनों में ही 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सामुदायिक सर्वे करने वाले प्लेटफार्म लोकल सर्किल ने दिल्ली-एनसीआर के 16 हजार लोगों से प्रदूषण से जुड़े सवाल पूछे थे। इनमें 37 फीसदी महिलाएं भी शामिल हैं।
सर्वे में शामिल 18 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में उन्हें प्रदूषण की वजह से डॉक्टर के पास जाना पड़ा है। वहीं, 69 फीसदी लोगों ने कहा कि वे गले की खराश या सर्दी जुकाम से परेशान हैं। अन्य 56 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी आंखों में जलन हो रही है, जबकि 44 फीसदी ने कहा कि उन्हें सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे में शामिल कुल 80 फीसदी ने कहा कि उन्हें प्रदूषण से कई तरह की परेशानियां देखने को मिल रही हैं।
दिवाली के बाद हुए सर्वेक्षण में जब लोगों से पूछा गया था तो 70 फीसदी ने प्रदूषण से कई तरह के लक्षण होने की बात कही थी, लेकिन इसके पांच दिन बाद ही यह आंकड़ा 80 फीसदी तक बढ़ गया है।
कई दिक्कतें हो रहीं
सर्वे में शामिल 69 फीसदी लोगों ने प्रदूषण बढ़ने पर खांसी और गले में खराश की शिकायत की है। 56 फीसदी लोगों ने आंखों में जलन और 50 फीसदी ने नाक बहने और जाम होने की परेशानी बताई है। इस सर्वे के मुताबिक 44 फीसदी ने सिर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और इतने ही लोगों ने नींद न आने की परेशानी बताई है। वहीं, 31 फीसदी लोगों ने एंजाइटी और ध्यान न लगने या काम में मन न लगने की शिकायत की है।