26/11 : दोषियों को सजा दिलाने में नहीं है पाक की दिलचस्पी
लाहौर : मुम्बई में लश्कर-ए-तोयबा के आतंकवादियों की ओर से 166 लोगों की हत्या करने की घटना के 9 साल गुजर गए लेकिन पाकिस्तान ने किसी संदिग्ध को अब तक सजा नहीं दिलाई है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पिछले दिनों हुई रिहाई से भी साफ संकेत मिलते हैं कि यह मामला पाकिस्तान के लिए कभी प्राथमिकता नहीं रहा। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ वकील ने बताया, ‘‘इस्लामाबाद में एक आतंकवाद निरोधक अदालत 2009 से ही मुंबई हमले के मामले में मुकद्दमा चला रही है। देश में शायद ही किसी आतंकवाद निरोधक अदालत में ऐसा कोई मामला हो जो 8 साल बीत जाने के बाद भी लंबित हो। आतंकवाद निरोधक अदालत का गठन तेजी से मुकद्दमा चलाने के लिए हुआ लेकिन इस मामले में यह किसी सत्र अदालत की तरह काम कर रही है जिसमें मुकद्दमों पर फैसले में वर्षों लग जाते हैं।’’ 26/11 हमले की 9वीं बरसी से पहले पाकिस्तान की ओर से हाफिज की रिहाई के 2 दिन बाद वकील ने बताया, ‘‘ऐसा लगता है कि सरकार इस मामले पर फैसले की जल्दबाजी में नहीं है क्योंकि मामला इसके चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत से जुड़ा है। यदि यहां के संबंधित अधिकारी गंभीर होते तो इस मामले पर कब का फैसला हो चुका होता।’’
पाकिस्तान सईद को करे गिरफ्तार नहीं तो गंभीर नतीजों के लिए रहे तैयार : अमरीका
वाशिंगटन : अमरीका ने हाफिज सईद को फिर से गिरफ्तार करने और अभियोग चलाने की मांग करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह कार्रवाई करने में नाकाम रहता है तो इसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा, जिसके पाक को गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। सईद पर उसकी आतंकी गतिविधियों को लेकर अमरीका ने एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा हुआ है। कड़े संदेश में व्हाइट हाऊस ने कहा, ‘‘पाक में सईद की रिहाई अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर भी काफी खराब संदेश दे रही है। साथ ही अपनी मिट्टी पर आतंकवादियों को संरक्षण नहीं देने के पाकिस्तानी दावे को भी झुठलाता है।’’
26/11 की 9वीं बरसी पर मृतकों को श्रद्धांजलि
मुम्बई में 26/11 के हमले में मारे गए निहत्थे लोगों को 9वीं बरसी पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस और राज्य के कुछ मंत्रियों ने आज सुबह दक्षिण मुम्बई में पुलिस स्मारक में पुष्पचक्र अॢपत किया तथा कुछ पल का मौन रखा।