266 पेज की रिपोर्ट में खुलासा : अखिलेश यादव ने बंगले में करवाया था 4.6 करोड़ का अवैध निर्माण
लखनऊ : अखिलेश यादव के बंगले में तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें नोटिस भेज सकती है। राज्य सम्पत्ति विभाग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है। सरकार ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा, 266 पेज की रिपोर्ट में बताया गया है कि बंगला खाली करते समय जो तोड़फोड़ की गई, उससे 5 लाख 84 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं बताया गया कि अखिलेश यादव ने बंगले में बगैर अनुमति के 4.678 करोड़ रुपये का अवैध निर्माण करवाया था।
रिपोर्ट : एक नजर में
– बंगला खाली करते वक्त लोक निर्माण विभाग के कामों में दिख रहे नुकसान की लागत 64800.42 आयी है।
– बंगले के निर्माण, सौन्दर्यीकरण व मरम्मत पर कुल 5 करोड़ 57 लाख 86 हजार रुपये खर्च किए गए।
– इसमें मुख्य भवन का सुधार, पोर्च, दो मंजिला अतिथिगृह, सुरक्षा भवन एवं प्रतीक्षालय भवन दो मंजिला, सरवेंट क्वाटर ब्लाक दो मंजिला, जनरेटर कक्ष, ट्रीमिक्स फ्लोरिंग व पाथ वे शामिल है।
– इसके अलावा दूसरे निर्माण कार्यों में हुए नुकसान की लागत 51920.46 रुपये आयी है। इसमें मुख्य आवासीय भवन में सेनेटरी काम, अतिथि गृह में ब्रिकवर्क , प्लास्टर, पेंट , सुरक्षा गार्ड्स के कक्ष और अन्य चीजों के नुकसान शामिल हैं।
अखिलेश यादव ने जब अपना चार, कालिदास मार्ग का सरकारी बंगला खाली किया तो राज्य सम्पत्ति विभाग ने लोक निर्माण विभाग से जांच करवाई। इस रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग ने राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दी। चार कालिदास का बंगला उस वक्त तैयार कराया गया था जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वह इस बंगले में रहने लगे। जब सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला खाली कराने को कहा गया तो अखिलेश ने भी इसे खाली कर दिया लेकिन राज्य सम्पत्ति विभाग का कहना है कि खाली करते वक्त बंगले में खासा नुकसान हुआ है। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा यह साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास में कई निर्माण कार्य कराए थे। इसके लिए उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नहीं ली थी। इसके लिए कानून है और इस मामले में कानून अपना काम करेगा। सपा के राष्ट्रीय सचिव व प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष तो पहले ही कह चुके हैं जो नुकसान का बिल भेज दें उसका भुगतान कर देंगे लेकिन देखने की बात यह है कि भाजपा के लोग ओछापन दिखाते हुए इस पर राजनीति कर रहे हैं। जनता से जुड़े तमाम मुद्दों को छोड़ दिये हैं और इस पर कमेटी बनाने, जांच करने व मीडिया को जारी करने जैसी ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।