29 मार्च से मंगल, गुरु और शनि होंगे एक साथ, जानिए क्या होगा सभी राशियों पर प्रभाव
देव गुरु बृहस्पति रविवार, 29-30 मार्च को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। मकर में स्वराशि के शनिदेव और उच्च के मंगल पहले से ही स्थित है।
गुरु ग्रह करीब 12 साल में राशि चक्र पूरा करता है यानी 12 वर्षों में करीब 1-1 वर्ष के सभी राशियों में रुकता है। मकर राशि में गुरु नीच के रहते हैं। इसका अर्थ है, इस राशि में गुरु प्रसन्न नहीं रहते।
14 मई से इसी राशि में गुरु वक्री होंगे। 29 जून से वक्री रहकर ही धनु राशि में फिर से जाएंगे। धनु में वक्री रहेंगे। 13 सितंबर से धनु राशि में मार्गी हो जाएंगे और 20 नवंबर को मकर में प्रवेश कर नीच के हो जाएंगे।
इन तीनों ग्रहों का योग सभी राशियों पर असर डालेगा। 4 मई को मंगल के राशि परिवर्तन से ये संयोग टूटेगा।
मेष- कार्य की अधिकता करने वाला होगा। विवादों में विजय दिलाने वाला होगा। पद प्राप्ति होगी।
वृषभ- आय अच्छी रहेगी, पर संतुष्टि नही हो पाएंगी। मूल्यवान सामान गुम हो सकता है। धन का लेन-देन नगदी में करने से बचें।
मिथुन- स्वयं पर नियंत्रण रखें और जोखिम के कार्यों से दूरी बनाएंगे तो बेहतर रहेगा। शत्रु हावी होने का प्रयास करेंगे।
कर्क- किसी प्रकार के बड़े नुकसान की संभावना नहीं है। कुछ योजनाएं बिगड़ सकती हैं एवं कुछ नई सफल भी होंगी।
सिंह- यह युति विरोधियों का शमन करने वाली होगी और बढ़ाने वाली भी होगी। विचलित भी रखेगी। क्रोध को बढ़ा सकती है।
कन्या- पंचम स्थान पर यह युति होगी। नौकरी में बदलाव के साथ आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। जमीन से लाभ एवं संतान से सुख प्राप्त होगा।
तुला- योजनाएं बिगड़ सकती हैं। विरोधी नुकसान पंहुचाने का प्रयास करेंगे। कीमती सामान की सुरक्षा करें एवं वाहनादि का प्रयोग में सावधानी रखें।
वृश्चिक- विरोधी परास्त होंगे। व्यापार में आगे बढऩे के मौके प्राप्त होंगे एवं पराक्रम श्रेष्ठ रहेगा।
धनु- स्थाई संपत्ति के लिए यह अत्यंत लाभकारी होगी, साथ ही समस्याओं का स्थाई समाधान प्राप्त होगा। नई जगहों पर जाने का मौका प्राप्त होगा।
मकर- यह अत्यंत सफलता दिलाने वाला होगा। सम्मान एवं धन की प्राप्ति होगी एवं मंगल के कारण शत्रु परास्त करने में सफलता मिलेगी।
कुंभ- व्यय की अधिकता को बढ़ाने वाली युति होगी। कार्य स्थल पर मन नहीं रहेगा। विचलन ज्यादा होगी। समस्याएं एक के बाद एक आती जाएंगी।
मीन- पदोन्नति, समस्याओं का निदान और विरोधी परास्त होंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। धन लाभ में वृद्धि और संपत्ति में वृद्धि होगी।