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2जी मामलाः दिल्ली हाई कोर्ट ने ED, CBI की याचिका पर राजा, कनिमोई को नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने ने2 जी से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) की याचिका पर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा,  द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य को आज नोटिस भेजे। याचिका में इनकी रिहाई के फैसले को चुनौती दी गई है। अगली सुनवाई 25 मई को होगी।
न्यायमूर्ति एस पी गर्ग ने2 जी स्पैक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी( सीबीआई)  की उस याचिका पर भी राजा,  कनिमोई और अन्य को नोटिस जारी किया जिसमें उन्हें बरी करने के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। 

अदालत ने कहा कि धन शोधन मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के संबंध में यथास्थिति बनी रहेगी। ईडी ने 19  मार्च को हाई कोर्ट का रुख किया और 2 जी से जुड़े धन शोधन मामले में सभी आरोपियों की रिहाई के विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी। मंगलवार (20मार्च) को सीबीआई ने भी मामले में सभी आरोपियों की रिहाई को हाई कोर्ट में चुनौती दी।

विशेष अदालत ने पिछले साल 21 दिसंबर को सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज कराए गए मामले में राजा, कनिमोई और अन्य को बरी कर दिया था। राजा और कनिमोई के अलावा विशेष अदालत ने ईडी के मामले में द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, एसटीपीएल के शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल,  फिल्म निर्माता करीम मोरानी,  पी अमृतम और कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार समेत17  अन्य को बरी किया था।

 

ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड ने द्रमुक संचालित कलैग्नार टीवी के प्रमोटरों को200  करोड़ रुपये दिए थे।

पिछले वर्ष 21 दिसंबर को ही निचली अदालत ने सीबीआई के 2 जी मामले में राजा, कनिमोई और पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलिकॉम के प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका,  यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और अनिल धीरूबाई अंबानी रिलायंस समूह के तीन शीर्ष प्रबंधकों- गौतम दोशी, सुरेंद्र पीपारा और हरि नायर को बरी कर दिया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 2 जी स्पैक्ट्रम के लिए लाइसेंस के आवंटन में 30,984  करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ। इन आवंटनों को उच्चतम न्यायालय ने दो फरवरी, 2012  को रद्द कर दिया था।

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