3 साल पहले चली गई थी पिता की जान, अब हुआ उसके बेटे का जन्म: हुआ करिश्मा
नई दिल्ली: 3 साल पहले अपने पति को खो चुकी “युवा मार्केटिंग कंसल्टेंट सुप्रिया जैन” की दुनिया फिर से रोशन हो गई है| उसके घर के आंगन में अब बच्चे की किलकारियां गूंजेंगी| उसका पिता और कोई नहीं बल्कि वही शख्स है, जिसकी 3 साल पहले जान चली गई थी| यह करिश्मा “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन आईवीएफ” तकनीक से हुआ| इस करिश्माई कहानी की शुरुआत अगस्त 2015 में हुई| सुप्रिया जैन और गौरव एस, ने उस समय परिवार बढ़ाने का फैसला किया था| उनकी शादी 5 साल पहले हुई थी, लेकिन तब तक संतान का सुख नहीं मिल पाया था|
डॉक्टरी जांच में पता चला कि वे सामान्य तरीके से माता-पिता नहीं बन सकते| इसलिए उन्होंने आईवीएफ तकनीक की मदद ली| हालांकि तकदीर को कुछ और ही मंजूर था| जब उन्होंने आईवीएफ प्रक्रिया पूरी की उसी दौरान एक सड़क हादसे में गौरव की जान चली गई| लेकिन इस हादसे से पहले दोनों ने आईवीएफ प्रक्रिया शुरू कर दी थी| पति की जान जाने से सुप्रिया एकदम टूट चुकी थी| उसने ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया| एक ब्लॉग में उसने लिखा-‘हादसे से पहले मेरे पति एक नया काम शुरू करने वाले थे| उन्होंने अपनी मां से कहा था, कि वह जल्द खुशखबरी देंगे| इस दुख की घड़ी में भी जयपुर से ताल्लुक रखने वाली सुप्रिया ने एक बड़ा फैसला लिया| उसने परिवारवालों से राय लिए बिना अपने दिवंगत पति के बच्चे को जन्म देने का फैसला किया| उसे किसी ने डॉ. फिरुजा पारिख का पता बताया| डॉ. फिरुजा ने मुंबई में कई अभिभावकों को संतान-प्राप्ति में मदद की थी| डॉ. पारिख के मुताबिक, उन्होंने इस करिश्मे से पहले सुप्रिया को मानसिक तौर पर तैयार किया| जब यह सुनिश्चित हो गया कि वह मां बनना चाहती है, तभी आईवीएफ प्रक्रिया शुरू की| हालांकि शुरुआत में काफी दिक्कत आई| बेंगलुरु से जब हमारे पास गौरव का प्रीजर्व किया हुआ एक वायल स्पर्म आया तो, हम काफी डरे हुए थे| हमने सुप्रिया पर कई बार आईवीएफ प्रक्रिया की लेकिन गर्भाधारण में कामयाबी नहीं मिली| इसके बाद हमने सरोगेट मां से संतान प्राप्ति का फैसला किया| इसमें कामयाबी मिलती दिखी| इस बीच सुप्रिया अपने पति की बरसी से पहले बेंगलुरु से चली गई थी| वह बाली में थी जब हमने उसे फोन पर बेटे के पैदा होने की खुशखबरी दी| उसने बस इतना कहा, कि जरूर वह अपने पिता के जैसा दिखता होगा, और अब वह पति की बरसी पर कभी बेंगलुरु से नहीं भागेगी|