अपराध

3 हजार सिम, 35 सिमबॉक्स से चलता था ISI का नेटवर्क, 11 लोग शामिल

मध्य प्रदेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के 11 संदिग्ध जासूस पकड़े जाने के बाद कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इसे आईएसआई का अब तक का सबसे बड़ा नेटवर्क बताया जा रहा है। एटीएस ने इन संदिग्धों से 50 मोबाइल, 3 हजार सिम कार्ड और 35 सिम बॉक्स जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि ये संदिग्ध अपने बड़े नेटवर्क के जरिए अहम जानकारियां लीक करते थे। इतना ही नहीं यहां इन संदिग्धों के फर्जी नाम और पतों को आधार पर अकाउंट भी खुले हुए थे, जिनमें पाकिस्तान से पैसे भी भिजवाए जाते थे।

मास्टर माइंड ने उगली सच्चाई

एटीएस के मुताबिक इस पूरे नेटवर्क के मास्टर माइंड का नाम गुलशन सेन है जो कि दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर का  टीचर है। गिरफ्त में आए गुलशन ने बताया कि एमपी के साथ-साथ देश के कई बड़े राज्यों में उनका नेटवर्क काम कर रहा था। एटीएस चीफ एस शमी ने बताया कि गुलशन एक शातिर इंजीनियर है जो कि अफगानिस्तान में भी नेटवर्क संभाल चुका है। अफगानिस्तान में वो अमेरिका सेना के लिए आईटी कम्युनिकेशन का काम करता था। उसने वहीं से पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज सीखा था। वहां से सीखने के बाद उसने भारत में आईएसआई के नेटवर्क को स्थापित करने में अहम रोल निभाया।

ऐसे करता था पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज काम

गुलशन की मदद से इसी का नेटवर्क धीरे-धीरे देश के कई हिस्सों में फैल गया। बताया जा रहा है कि विदेश से आने वाली कॉल्स को जासूस लोकल नेटवर्क में तब्दील करते थे। वहीं गुलशन इन सबके लिए सिम बॉक्स लगाए जा रहा था और अहम जानकारियों को लीक किए जा रहे थे। इंटरनेशनल कॉल्स पहले दिल्ली आती थीं, जहां से उन्हें भोपाल, ग्वालियर व बाकी जगहों पर ट्रांसफर कर दिया जाता था। यहां पर सिम बॉक्स और रिसीवर से इंटरनेशलन कॉल को लोकल कॉल में बदलकर आगे भेज दिया जाता था। दरअसल, गुलशन पर शिकंजा तब कसa जब जम्मू में गिरफ्तार हुए दो संदिग्धों ने उसके बारे में जानकारी दी।

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