30 से 50 की उम्र में हाई बीपी है, तो आगे हो सकता है डिमेंशिया
वॉशिंगटन। 30 से 50 साल की उम्र के बीच यदि आपको हाई बीपी रहता है, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। यह बाद की जिंदगी में डिमेंशिया (भूलेन की बीमारी) होने की आशंका का एक संकेत हो सकता है। मगर, आम दवाओं को लेकर इस खतरे से बचा जा सकता है।
ऑक्सफोर्ड शोधकर्ताओं ने कहा कि हाई बीपी के कारण वेस्कुलर डिमेंशिया होने का जोखिम 62 फीसद अधिक रहता है। यह अल्जाइमर के बाद दूसरा टाइप है।
ब्रिटेन में एक लाख 50 हजार से अधिक लोग वेस्कुलर डिमेंशिया से ग्रस्त हैं, जिससे याददाश्ता संबंधी, बोलने संबंधी और ध्यान केंद्रित करने संबंधी काम में समस्या आती है। यह रोगग्रस्त रक्त वाहिकाओं के मस्तिष्क में खून की आपूर्ति कम होने के कारण होता है।
यह शोध स्ट्रोक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित की गई है। इसमें बातया गया है कि युवावस्था में ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर वे समय के साथ बढ़ती है और आगे की जिंदगी में भी समस्याएं पैदा करती है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जॉर्जिया इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की रिसर्च टीम ने 40 लाख से अधिक ब्रिटेन के नागरिकों के मेडिकल रिकॉर्ड चेक किए।
उन्होंने पाया कि 30 से 50 आयु वर्ग के बीच में हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को वेस्कुलर डिमेंशिया होने का जोखिम 62 फीसद अधिक था। 51 से 70 के आयुवर्ग में हाई बीपी होने पर यह खतरा महज 26 फीसद ही था। इससे अधिक आयुवर्ग पर इसका कोई अंतर नहीं था।