30 साल की महिला की कथित तौर पर रेप के बाद गांववालों ने की पिटाई, मामला दर्ज
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ अहमदनगर: एक स्तब्धकारी घटना में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक गांव में 30 वर्षीय एक महिला के कुछ आदमियों ने कथित तौर पर कपड़े उतारे, उससे बलात्कार किया और गांव की कुछ महिलाओं ने उसकी पिटाई की। पुलिस ने कहा कि घटना 14 जनवरी की है जब यहां से 59 किलोमीटर दूर श्रीगोंडे तहसील के वडाली गांव की निवासी पीड़िता नजदीकी खस्ती गांव में अकेले स्वास्थ्य जांच कराने जा रही थी।
रास्ते में एक व्यक्ति ने जबरन अपनी मोटरसाइकिल पर बिठा लिया
श्रीगोंडे थाने के निरीक्षक भरत मोरे ने कहा कि रास्ते में उसे एक व्यक्ति ने अकेला देखकर रोका और जबरन अपनी मोटरसाइकिल पर बिठा लिया। अधिकारी ने बताया कि कुछ देर बाद लोगों के एक समूह ने उन लोगों को रोका और एक व्यक्ति के साथ उसके मोटरसाइकिल पर जाने पर आपत्ति जताई और उसके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद लोगों ने उसके कपड़े उतार दिए और डंडे से उसकी पिटाई की।
पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक एक व्यक्ति ने उससे बलात्कार किया जबकि अन्य ने इस अपराध में उसका सहयोग किया। बाद में उसे वडाली गांव ले जाया गया जहां छह महिलाओं ने फिर से उसकी पिटाई की जो आरोपी लोगों की रिश्तेदार थीं। इसके बाद अचेत महिला को नहर में फेंक दिया गया। कुछ ग्रामीणों ने उसे नहर में देखा और पुलिस को सूचित किया, जो घटनास्थल पर पहुंची और उसे कश्ती के प्राथमिक उपचार केंद्र में भर्ती कराया। पुलिस उपचार के लिए कल उसे अहमदनगर लेकर आई।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता ने 15 जनवरी को श्रीगोंडे थाने में 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था जिसमें उसने लोगों के समूह पर कपड़े उतारने, उस पर हमला करने और कुछ महिलाओं पर पिटाई करने के आरोप लगाए।
नई सूचना में लगाया रेप का आरोप
महिला ने कल प्राथमिकी में नई सूचना जुड़वाई कि एक व्यक्ति ने उससे बलात्कार भी किया था। इस मामले में भादंसं की धारा 376 (बलात्कार) के तहत एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि अन्य पर भादंसं की धारा 323, 326, 143, 148, 149, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मोरे ने कहा कि सभी आरोपी वडाली और कश्ती गांव के हैं और फिलहाल फरार हैं। उन्हें पकड़ने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि महिला को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
बहरहाल स्थानीय गैर सरकारी संगठन के मानद निदेशक अनिल गवाडे ने कहा कि यह गंभीर मामला है और आरोप लगाया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच ‘‘दोषपूर्ण’’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘घटना 14 जनवरी की है लेकिन पुलिस ने शुरू में पीड़िता से ठीक से पूछताछ नहीं की। उन्होंने स्थानीय लोगों से भी पूछताछ नहीं की जो घटना के गवाह थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच दोषपूर्ण है।’’