30 करोड़ का कर्ज न चुकाने को रची किडनैपिंग की साजिश
बिजनेसमैन करण अरोड़ा करोड़ों रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था। कर्ज चुकाने से बचने के लिए उसने किडनैपिंग का ड्रामा रचा था। यह बात पुलिस जांच में सामने आई है।
वहीं, करण के परिवार ने इस मामले में सोमवार को पुलिस को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि वह किडनैपिंग केस में कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। वहीं, पुलिस ने बलौंगी थाने में करण के परिवार की शिकायत पर धारा-364 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने उसे कैंसिल करनेे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के सीनियर अफसरों ने बताया कि जब करण से पूछताछ की गई तो शुरुआत में उसने बताया कि मुझे तीन लोगों ने अगवा किया था। हादसे वाली रात तीन लोग सड़क पर जा रहे थे।
उनमें दो लोगों ने एक को कंधे पर उठा रखा था। तीनों ने कार रोकने के लिए इशारा किया। फिर कार के ड्राइवर सीट वाला शीशा तोड़ा। इसके बाद तीनों ने कार से उसका अपहरण कर लिया। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो करण ने स्वीकार कर लिया कि उसने खुद शहर छोड़ा था। वह तनाव में था।
ऐसे रचा था किडनैपिंग का ड्रामा
पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात 12:45 पर करण ने अपने दोस्त पुलिस इंस्पेक्टर रविंदर पाल सिंह को उसके घर छोड़ा था। इसके बाद निराशा में डूबे करण ने भागने की तैयारी शुरू कर दी। उसने कार घर से 500 मीटर की दूरी पर खड़ी करके उसका ड्राइवर साइड वाला शीशा तोड़ा। उसके बाद वह पानीपत के लिए निकल गया। वहां से ट्रेन के जरिए यूपी पहुंच गया। हालांकि, पानीपत कैसे पहुंचा, पुलिस को करण की इस कहानी पर संदेह है। सूत्रों की माने तो पुलिस को संदेह है कि इस मामले में करण के पारिवारिक सदस्य और दोस्त जरूर शामिल रहे होंगे।
30 करोड़ से अधिक की देनदारी
जांच में पता चला है कि करण अरोड़ा पूरी तरह कर्ज में डूबा हुआ था। उसने करीब 30 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा था। इसमें 10 करोड़ उसने आढ़तियों से ले रखे थे। वह उक्त राशि को चुका नहीं पा रहा था। ऐसे में उसने गायब होने की साजिश रची थी। उसने अमृतसर के आढ़ती से पांच करोड़, इसके अलावा कपूरथला और तरनतारन के आढ़तियों से भी कर्ज लिया हुआ था।
क्या कहते हैं अधिकारी
करण का अपहरण नहीं किया गया था। वह तनाव में था। इसलिए उसने खुद ही शहर छोड़ दिया था। मेडिकल रिपोर्ट में उसके तनाव में होने की पुष्टि हुई है। वहीं, करण के परिवार ने उन्हें लिखित में दिया है कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं।