300 साल बाद ब्रिटेन से अलग हो सकता है स्कॉटलैंड
एडिनबर्ग। स्कॉटलैंड में गुरुवार को 42 लाख लोग फैसला करेंगे कि इंग्लैंड के साथ 300 साल पुराना संबंध रखें या उसे खत्म कर दें। खबरों के मुताबिक स्कॉटलैंड अलग होने का फैसला कर चुका है और अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह ब्रिटिश यूनियन के प्रतीक ध्वज का अंत होगा और क्या स्कॉटलैंड ब्रिटेन की महारानी और करेंसी ‘पाउंड’ को मान्यता देता रहेगा। नेशनल स्कॉटिश पार्टी के नेता और स्कॉटलैंड के पहले मंत्री एलेक्स सेल्मंड पूरे स्कॉटलैंड में ‘यस कैम्पेन’ चला रहे हैं। वे स्कॉटिश आजादी के सबसे पहले समर्थकों में से एक हैं। उन्हें 21वीं सदी का ‘बहादुर दिल वाला’ व्यक्ति कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब स्कॉटलैंड के इतिहास को नए सिरे से बनाने की जरूरत है। सेल्मंड को एक बार उन्हीं की पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। राजनेता से पहले वे इकोनॉमिस्ट के रूप में काम कर चुके हैं। आज के अखबारों में प्रकाशित तीन नए जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार अधिकतर लोग स्कॉटलैंड के ब्रिटेन में बने रहने का समर्थन कर रहे हैं लेकिन इसका विरोध करने वाले लोगों से उनकी संख्या में बहुत मामूली अंतर है। लेकिन सर्वेक्षणों में यह भी कहा गया है कि अब तक निर्णय ना कर पाए लोग परिणाम किसी भी पक्ष में मोड़ सकते हैं। यस कार्यकर्ता 24 वर्षीय सैम हॉलिक ने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि हमें आजादी मिले तो हम एक ऐसे समाज का निर्माण करना शुरू कर सकते हैं जो हम सब के लिए काम करे। एजेंसी