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300 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में कंपनी के अधिकारी पकड़ाए

dewas_crime_201695_221224_05_09_2016देवास। ब्यूरो। निवेशकों से रुपए लेकर निश्चित अवधि में नहीं लौटाने वाली कंपनी जीएन गोल्ड व जीएन डेयरीज के सीएमडी व मैनेजर को पुलिस की स्पेशल टीम ने दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किया है। आरोपियों को सोमवार को बागली न्यायालय में पेश किया गया, जहां से 8 सितंबर तक रिमांड पर पुलिस को सौंपा गया है।
 
उल्लेखनीय है कि जीएन गोल्ड व जीएन डेयरीज कंपनी के सतनाम पिता बलवंत सिंह रंधावा निवासी नई दिल्ली, दीवेशकुमार बजाज व अन्य के खिलाफ पिछले वर्ष सोनकच्छ थाने और इस वर्ष हाटपीपल्या थाने में धोखाधड़ी व मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धाराओं में केस दर्ज किया था। एसपी शशिकांत शुक्ला ने सोनकच्छ एसडीओपी बीएस कदम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था।
 
पूर्व में कंपनी के सुरेश चौधरी, पंकज चौधरी और ब्रह्मानंद पटेल गिरफ्तार हो चुके थे जबकि जबकि बलजीत शर्मा, सतनामसिंह व दीवेशकुमार बजाज फरार थे। एक सितंबर को पुलिस को जानकारी मिली थी कि जीएन गोल्ड व जीएन डेयरीज का सीएमडी सतनामसिंह रंधावा व मैनेजर दीवेशकुमार बजाज पंजाब में हैं और दुबई भागने की फिराक में है। इस पर एसपी ने 10 लोगों की दो टीमें बनाकर दिल्ली और पंजाब भेजी थी।
 
पंजाब छोड़कर पहुंच गए थे दिल्ली
 
जब पुलिस टीम पंजाब पहुंची तो आरोपी वहां से दिल्ली भाग चुके थे। इस पर दोनों टीमें दिल्ली पहुंची और यहां उसके घर के आसपास निगरानी की लेकिन पता चला कि आरोपी घर नहीं आ रहे हैं। इस दौरान पुलिस को खबर मिली कि आरोपी सतनासिंह रंधावा पश्चिम विहार स्थित उसके रिश्तेदार की रेडीसन होटल में छिपा है। इस पर पुलिस ने करीब पांच घंटे होटल से बाहर निकलने वाले रास्तों पर निगरानी की। जैसे ही सतनामसिंह व दीवेशकुमार गाड़ी में बैठने के लिए होटल की लॉबी में आए टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया।
 
देर रात की गिरफ्तारी
 
आरोपियों को हिरासत में लेकर दोनों टीमें रविवार देर रात देवास पहुंचीं। यहां बीएनपी पुलिस ने रात करीब बजे दोनों को गिरफ्तार किया। इसके बाद सोमवार को दोनों आरोपियों को बागली न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है।
 
देवास के चार करोड़ स्र्पए निवेशकों के उलझे
 
जानकारी के अनुसार आरोपियों ने प्रदेश में करीब 300 करोड़ की धोखाधड़ी की है। देवास जिले में तीन से चार करोड़ स्र्पए निवेशकों के उलझे हैं। आरोपियों के खिलाफ खरगोन कोतवाली, बांसवाड़ा कोतवाली, विजयनगर इंदौर, माधव नगर उज्जैन, एसटीएफ भोपाल में भी प्रकरण दर्ज हैं।

 

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