राज्य

300 करोड़ रुपए का घोटाला, बिल्डर्स को ऐसे पहुंचाया ‘फायदा’

मध्यप्रदेश सरकार ने 300 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में जांच के आदेश दिए हैं, इसमें भोपाल म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) पर आरोप है कि उन्होंने 100 से ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा होने का प्रमाण पत्र दे दिया ताकि वह रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमों से बच सकें।
इस मामले की जांच की जिम्मेदारी शहरी प्रशासन विभाग (UAD) के कमिशनर विवेक अग्रवाल को दी गई है। कथित घोटाले की बात सामने आते ही कई लोगों के तबादले भी हुए हैं इसमें अतिरिक्त आयुक्त प्रभारी मलिक्का निगम आदि भी शामिल हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रेरा ने बीएमसी को काफी वक्त पहले आगाह किया था क्योंकि उनके पास पहले से शिकायतें आ रही थीं। रेरा के चेयरमैन एंटनी डेसा ने बताया कि उनके पास ऐसे कई लोगों की शिकायत आई थी जिन्होंने घर बुक करवाए थे और वे अबतक पूरे नहीं हुए, लेकिन जब बिल्डर्स से सवाल पूछे गए तो उन्होंने बीएमसी से मिला सर्टिफिकेट दिखा दिया। सर्टिफिकेट्स के हिसाब से तो प्रोजेक्ट्स पूरे थे, लेकिन फोटोज में साफ पता लग रहा था कि बिल्डिंग्स अभी तक अधूरी हैं।

बीएमसी के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने पहले की तारीख डालकर बिल्डरों को सर्टिफिकेट दे दिए ताकि उनको रेरा के नियमों से बचाया जा सके जो कि मई 2017 से लागू हो गई है। सरकार ने इसे गंभीर मुद्दा माना है, शहरी विकास मंत्री माया सिंह ने 10 दिन के अंदर मामले से जुड़ी रिपोर्ट मांगी है।

 

Related Articles

Back to top button