3000 एनकाउंटर को योगी सरकार ने बताया उपलब्धि
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गणतंत्र दिवस पर अपनी उपलब्धियों की लिस्ट जारी की है. जिसमें योगी शासनकाल के सभी एनकाउंटर भी शामिल किए गए हैं. सरकारी लिस्ट के मुताबिक मार्च 2017 से जुलाई 2018 के दौरान योगी की पुलिस ने तीन हजार से ज्यादा एनकाउंटर किए थे. जिनमें लगभग 6 दर्जन अपराधियों को मारने का दावा किया गया था.
दरअसल, यूपी की योगी सरकार गणतंत्र दिवस पर कानून व्यवस्था के सुधार को बड़े मुद्दे के तौर पर जनता के सामने रखेगी. जहां सरकार की एनकाउंटर पॉलिसी पर भी चर्चा होगी. इससे पहले एनकाउंटर की डिटेल भी सरकार ने सार्वजनिक कर दी है.
यूपी सरकार की उपलब्धियों की सूची में शामिल आंकड़ों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल यानी मार्च 2017 से जुलाई 2018 के मध्य तक पुलिस ने 3026 मुठभेड़ें कीं. जिनमें कुल मिलाकर 78 अपराधियों को मार गिराया गया. जबकि 838 अपराधी घायल हुए.
लिस्ट में बताया गया कि 11981 लोगों ने उनकी जमानत रद्द कराई और अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने सभी जिलाधिकारियों को सरकार की ओर से आदेश भी जारी किए हैं. ताकि इस उपलब्धि को अधिकारी जन-जन तक पहुंचाएं.
सरकारी की उपलब्धियों में एसटीएफ के एनकाउंटर भी शामिल हैं. जिनमें 9 अपराधियों को मार गिराया गया. जबकि 139 अपराधी गिरफ्तार किए गए. साथ ही एसटीएफ ने 6.5 लाख लोगों के साथ पौंजी स्कीम के नाम पर 3700 करोड़ की ठगी करने वाले 3 लोगों शातिर ठगों को गिरफ्तार किया.
इसी प्रकार से एनएसए के तहत 3, गुंडा एक्ट के तहत 299 और अन्य 2589 मामलों में पुलिस कार्रवाई की गई. इन सभी मामलों में अर्जित की गई 60 करोड़ 40 लाख रुपये की अवैध संपत्ति भी जब्त की गई. जबकि 1277 भू-माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
सरकारी उपलब्धि की इस सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने आज तक से कहा, “योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा और राज्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कोई काम नहीं किया है. हर जगह फर्जी मुठभेड़ हुई हैं और हमारी पार्टी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इन मुठभेड़ों पर भी सवाल उठाए हैं और अगर सीबीआई जांच का आदेश दिया जाता है, तो यूपी के सीएम और शीर्ष पुलिस अधिकारियों को परेशानी होगी.”
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा “राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है. राज्य में हत्याएं हो रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ों पर सवाल उठाए हैं. इसे सरकारी एचीवमेंट के रूप में हाइलाइट करने का मतलब है कि इस सरकार के पास दिखाने के लिए कोई विकास कार्य नहीं है.”