सोशल मीडिया में फ्लॉप होने के बाद गूगल इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप में भी आधिकारिक तौर पर फ्लॉप है। कंपनी ने अपने मैसेजिंग ऐल ऐलो को बंद करने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली: दुनिया की बड़ी टेक कंपनी गूगल अपने मैसेंजर ऐप Allo को शटडाउन कर रही है। इसे कंपनी ने सितंबर 2016 में लॉन्च किया था। लेकिन जैसी गूगल ने उम्मीद की थी उतनी लोकप्रियता इस ऐप को नहीं मिली और अब इसे बंद करने का फैसला किया गया है। गूगल ने ब्लॉग पोस्ट में कहा है, ‘Allo मार्च 2019 तक चलेगा फिर बंद हो जाएगा। आप अपने पुराने कनवर्सेशन और मौजूदा चैट्स इस ऐप से एक्सपोर्ट कर सकेंगे’। गूगल ने कहा है कि उन्होंने ऐलो से काफी कुछ सीखा है खास तौर पर मशीन लर्निंग आधारित फीचर्स और गूगल असिस्टेंट को मैसेजिंग ऐप में ही इनबिल्ट करना। इसी साल अप्रैल से कंपनी ने ऐलो में निवेश करना बंद कर दिया था और इसके वर्कफोर्स को दूसरे प्रोजेक्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट के रिसोर्स को कंपनी ने एंड्रॉयड मैसेज टीम में शिफ्ट कर दिया था। कंपनी ने बीच बीच में इसमें कुछ फीचर्स दिए थे, लेकिन फिर भी ये वॉट्सऐप और मैसेंजर से टक्कर लेने में फेल रहा।
ये कुछ वजहें जो Google Allo के फ्लॉप होने की वजह हैं
- शुरुआत में इसमें एंड टू एंड एनक्रिप्शन का न होना लोगों के लिए निराशाजनक रहा।
- गूगल ने इसमें वीडियो कॉलिंग फीचर भी नहीं दिया। दूसरी तरफ वॉट्सऐप जैसे ऐप्स में ये फीचर थे।
- कॉलिंग फीचर की कमी होना भी इसके फ्लॉप होने की वजह है। क्योंकि वॉट्सऐप का कॉलिंग फीचर काफी पॉपुलर है और लोग इसे ज्यादा से ज्यादा यूज करते हैं।
स्नोडेन ने भी Allo को खतरनाक ऐप बताया था
फाइल शेयरिंग फीचर का न होना भी इसकी कमी रही है। आप इस ऐप पर फोटोज, लोकेशन और स्टिकर्स भेज सकते थे, लेकिन डॉक्यूमेंट्स शेयरिंग नहीं था। वॉट्सऐप और टेलीग्राम ने इसे भुनाया और इसमें भी ऐलो पीछे छूट गया। वॉट्सऐप की खासियत इसका सिंपल होना है। लेकिन ऐलो थोड़ा ट्रिकी था इसके मुकाबले। कई सारे ऑप्शन, ज्यादा फीचर्स होना भी कभी मुश्किल हो सकता है। वॉट्सऐप की स्ट्रैटिजी रही है कि वो धीरे धीरे फीचर्स देता है। अगर आप याद करें तो शुरुआत में चैटिंग का ही ऑप्शन था।