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31 मार्च तक कालेधन को कर सकते हैं सफेद , जानिए स्कीम

black-money-1नई दिल्ली। काला धन जमा करने वालों को सरकार ने आखिरी मोहलत दी है। ऐसे लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाइ) में आठ नवंबर के बाद उनके खाते में जमा की गई अघोषित राशि का खुलासा कर 30 प्रतिशत टैक्स, 10 प्रतिशत पेनाल्टी और कर राशि का 33 प्रतिशत सेस देकर बच सकेंगे। पीएमजीकेवाइ के तहत अघोषित धनराशि का खुलासा 17 दिसंबर से लेकर अगले साल 31 मार्च तक की जा सकेगी। अगर कोई व्यक्ति पीएमजीकेवाइ के तहत अपनी अघोषित आय का खुलासा नहीं करता है और आयकर की जांच के दौरान उस पर काला धन पकड़ा जाता है तो सरकार उससे 77.25 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना वसूलेगी। साथ ही उसके खिलाफ अभियोग भी चलेगा। अगर उस व्यक्ति ने पीएमजीकेवाइ या आयकर रिटर्न में खुलासा नहीं किया है तो उस पर 10 प्रतिशत पेनाल्टी अतिरिक्त लगेगी। राजस्व सचिव हंसमुख अढिया ने कहा नोटबंदी के बाद जिन लोगों ने भी 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट के रूप में अघोषित राशि जमा की है, वे अगर पीएमजीकेवाइ के तहत खुलासा करते हैं तो उन पर मुकदमा नहीं चलेगा। सरकार ने कराधान कानून (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2016 के जरिए पीएमजीकेवाइ शुरू की है। हाल ही में लोक सभा ने इस विधेयक को पारित किया जिसके बाद राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी। अढिया ने कहा कि पीएमजीकेवाइ योजना 17 दिसंबर से शुरू हो रही है। बैंकों के पास चालान उपलब्ध होंगे जिसे भरकर वे कर भुगतान कर पीएमजीकेवाइ का लाभ ले सकेंगे। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत टैक्स का भुगतान कर शेष 25 प्रतिशत उस व्यक्ति को चार साल के लिए बैंक में जमा करनी होगी जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। शेष 25 प्रतिशत राशि को वह निकाल सकेगा।
अढिया ने साफ किया कि बैंक में धनराशि जमा करने भर से काला धन सफेद नहीं हो जाएगा। इसलिए उस पर टैक्स का भुगतान करना होगा। इस योजना के तहत पहले करों का भुगतान करना होगा और उसके बाद कर भुगतान की रसीद दिखाने पर इस योजना का लाभ मिल सकेगा। यह योजना हाल में समाप्त हुई आय घोषणा योजना 2016 से भिन्न है। इसमें काले धन का खुलासा पहले किया जाता था तथा कर का भुगतान बाद में। पीएमजीकेवाइ के तहत अघोषित आय का खुलासा करने वालों के नाम गोपनीय रखे जाएंगे।
वित्तीय खुफिया इकाई के माध्यम से सरकार को विभिन्न बैंक खातों में जमा हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट के बारे में सूचना मिल रही है। इसी के आधार पर आयकर विभाग कार्रवाई कर रहा है। आयकर विभाग ने आरबीआइ को भी कहा कि जन-धन योजना के खातों को छोड़कर सभी बैंक खातों के लिए पैन नंबर अनिवार्य किया जाए। अगर किसी के पास पैन नंबर नहीं है तो उससे फार्म 16 भरवाया जाए। उन्होंने कहा सरकार आयकर विभाग की कार्रवाई के जरिए इंस्पेक्टर राज नहीं ला रही है।
अढिया ने कहा कि राजनीतिक दलों के बैंक खाते में जमा धनराशि को टैक्स से छूट प्राप्त है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर यह धनराशि किसी व्यक्ति के खाते में जमा हुई तो यह आयकर विभाग के रडार पर होगी। इसके बारे में आयकर विभाग पूछताछ करेगा। अढिया ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के पास काले धन के संबंध में कोई शिकायत है तो वह ईमेल भेजकर आयकर विभाग को यह शिकायत कर सकता है। उस व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा। सरकार सूचना वाले को जो इनाम देती है। उसके मौजूदा नियमों के तहत उस व्यक्ति को इनाम देने की संभावना भी तलाशी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ईमेल आईडी पर शिकायत आयकर विभाग के पास भेज सकता हैं।

सरकारी स्कीम
-सरकार को ईमेल भेजकर दें कालेधन की सूचना
-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की अधिसूचना जारी
क्या है पीएमजीकेवाइ?
-कोई भी व्यक्ति बैंक या डाकघर खाते में जमा अघोषित धनराशि का खुलासा कर सकता है।
-अघोषित का 33 प्रतिशत टैक्स और 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा जबकि कर राशि का 33 फीसद सेस देना होगा।
-योजना के तहत जमाराशि में से 25 प्रतिशत वह व्यक्ति निकाल सकेगा।
-शेष 25 प्रतिशत राशि चार साल के लिए जमा करनी होगी, जिस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।

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