31 से हड़ताल करेंगे वकील
अधिवक्ता अधिनियम बिल लाये जाने का विरोध
पटना, (एजेंसी)। अब वकील भी सरकार के विरोध में लामबंद होने वाले हैं। केन्द्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन से सम्बंध्ति बिल लाने की तैयारी के विरोध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर आगामी 31 मार्च को सूबे के अध्विक्ता एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल करते हुए अदालती कार्यों से अलग रहेंगे। इस सम्बंध में सोमवार को एक बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रामबालक महतो ने की। वहीं इस बैठक में सदस्य एसएनपी सिन्हा, रमाकांत शर्मा तथा अंजनी पराशर भी मौजूद थे। गौरतलब है कि लॉ कमिशन ऑफ इंडिया ने केन्द्र सरकार को सौंपे ‘द एडवोकेट एक्ट, 1961 ;रेग्यूलेशन ऑफ लीगल प्रोफेशनल शीर्षक की 266वीं रिपोर्ट में उक्त अििध्नयम में व्यापक बदलाव की सिफारिश केन्द्र सरकार से की है।
महिपाल सिंह राणा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, जुलाई 2016 में उच्च न्यायालय ने भी एडवोकेट अििध्नयम के प्रावधानों की पुनरीक्षण लीगल प्रोपफेशन में रेग्यूलेटरी मैकेनिज्म की संभावना व्यक्त की है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अनिल आर. दवे, कुरीयन जोसेफ और आदर्श कुमार के तीन न्यायाधीन की पीठ ने लॉ कमिशन और भारत सरकार से इस संबंध में ठोस कदम उठाने को कहा है। इसी आधर पर लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में एडवोकेट एक्ट में रेग्यूलेटरी मैकेनिज्म और रेग्यूलेटरी बॉडीज आदी से सम्बंधित संशोध्न की सिफारिश की है। साथ ही साथ लॉ कमीशन ने इस सम्बंध्ति में एडवोकेट ;एमेंडमेंट बिल, 2017 का ड्राफ्ट भी केन्द्र सरकार को सौंपा है।
लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में अििध्नयम की धरा 24-ए और 26-ए के सब्सटीच्यूशन के अलावा नये प्रावधन बनाने, धरा 71 ए के तहत प्री-इनरॉलमेंट ट्रेनिंग, प्रोफेशनल मिसकंडक्ट इसी रिपोर्ट और संशोधन बिल के विरोध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सांकेतिक रूप से आगामी 31 मार्च को एक दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। इस सम्बंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा नेबताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों के साथ बार असोसियेशनों के को-आर्डिशन कमिटी की हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 31 मार्च को देशभर के अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हुए विरोध प्रदर्शित करेंगे।