पिछले हफ्ते गुरुवार को मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में बाढ़ के कारण कम से कम 13 लोगों के फंस लग गए थे। एनजीटी ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
पूर्वी जयंतिया हिल्स: मेघालय में एक कोयला खदान में 13 मजदूर पिछले 100 से भी ज्यादा घंटे से फंसे हुए हैं। उन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र से इसके लिए मदद मांगी है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा, ‘हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जलस्तर काफी बढ़ गया है, घटना के एक दिन बाद मैंने केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू से बात की है और उनसे मदद के लिए और पेशेवर लोगों को भेजने की गुहार लगाई है।’ संगमा ने कहा कि पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के एक कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का काम बेहद कठिन है।
एनडीआरएफ की टीम उन्हें बचाने की कोशिश कर रही, लेकिन काम बहुत मुश्किल है। अब वहां कितने मोटर पंप लगे हैं, इसका कोई मतलब नहीं रह गया क्योंकि उस जगह पर जलस्तर बहुत बढ़ गया है जहां से हम अंदर जाकर उन्हें बचा सकते हैं।इससे पहले पिछले हफ्ते गुरुवार को मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में बाढ़ के कारण कम से कम 13 लोगों के फंस लग गए थे। पुलिस अधीक्षक (एसपी) सेल्वेस्टर नोंगतिंगर ने तब जानकारी दी थी कि गुरुवार की सुबह जिला अधिकारियों को इस घटना की सूचना दी गई और इसके बाद से लोगों को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
एसपी ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार सेइपुंग थाना क्षेत्र के कसान गांव में अवैध कोयला खदान के भीतर 13 लोग फंस गए हैं। हालांकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। एसपी के अनुसार श्रमिक लगभग तीन दिन पहले इस खदान में काम कर रहे थे और पानी के अधिक बहने के कारण इन सब लोगों की मौत होने की आशंका है। फिलहाल अवैध खनन करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। कोयले के अवैध खनन में शामिल अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।