अपराधराष्ट्रीय

32 सौ करोड़ के टीडीएस घोटाले का खुलासा, 447 कंपनियों ने की धोखाधड़ी

नयी दिल्ली। 32 सौ करोड़ रुपए के टीडीएस घोटाले का आयकर विभाग ने खुलासा किया, जिसमें करीब 447 कम्पनियां शामिल हैं। अग्रणी अंग्रेजी समाचार पत्र के मुताबिक आईटी विभाग ने अपनी जांच में पाया कि फ्रॉड के तहत 447 कम्पनियों ने एम्प्लाई की सैलरी से टैक्स काट लिया, लेकिन उसे सरकार के खजाने में जमा नहीं कराया। इतना ही नहीं, इन पैसों को कम्पनियों ने अपने खर्चे में इस्तेमाल कर लिया। आयकर विभाग ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए अपनी जांच आगे बढ़ा दी। कई कम्पनियों को नोटिस दी गयी।
गौरतलब है कि 15 लाख कम्पनियां कॉरपोरेट मंत्रालय के तहत रजिस्टर्ड हैं। जिनमें महज 7 लाख कम्पनियां ही रिटर्न फाइल करती हैं। लगभग 8 लाख कम्पनियां रिटर्न फाइल नहीं करतीं और दावा करती हैं कि उनकी देनदारी 3 हजार रुपए से कम हैए इसलिए आईटीआर के लिए वे बाध्य नहीं हैं। कर अधिकारियों की मानें तो फर्जीवाड़े में शामिल 447 कंपनियों में अधिकांश सेल कम्पनियां हैं जिनका मकसद टैक्स चुराना है।


मिली जानकारी के अनुसार आयकर कानूनों के तहत घोटाले के इस जुर्म में न्यूनतम 3 महीने सश्रम कारावास और जुर्माने के साथ अधिकतम 7 साल कैद की सजा का प्रबंध है। ऐसे मामलों में धारा 276 बी के तहत मुकदमा चलाया जाता है। फर्जीवाड़े में शामिल 447 कम्पनियां मुख्यतः प्रोडक्शन हाउस, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्ट अप्स, फ्लाई बाई नाइट ऑपरेटर्स जैसे व्यवसाय में शामिल हैं। हाल में पारित बजट में सरकार ने 3 हजार रुपए तक टैक्स देनदारी वाली कंपनियों को छूट देने से इनकार कर दिया। पहले 3 हजार रुपए तक टैक्स देने वाली कम्पनियों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करना होता था। सरकार ने इस बार सभी कंपनियों को आईटीआर देने का प्रावधान कर दिया है। यह कानून 1 अप्रैल 2018 से अस्तित्व में आएगा।

Related Articles

Back to top button