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झारखंड के 33 मजदूर माली में बने बंधक, केंद्र और राज्य सरकार से लगायी वतन वापसी की गुहार

रांची: झारखंड के 33 मजदूर दक्षिण अफ्रीकी देश माली में बंधक बन गए हैं। इन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर आंध्र प्रदेश निवासी केएसपपी नामक एक ब्रोकर माली की राजधानी बमाको ले गया था। चार महीने से वहां की किसी कंपनी में काम कर रहे इन मजदूरों को आज तक वेतन नहीं मिला है। ब्रोकर ने भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। रविवार को मजदूरों ने एक वीडियो संदेश जारी कर भारत और झारखंड सरकार से अपनी रिहाई और वतन वापसी की गुहार लगायी है।

झारखंड के श्रम एवं रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सोमवार को जानकारी दी कि माली में रह रहे मजदूरों से उनकी टेलीफोन पर बात हुई है। उनकी सकुशल वापसी के लिए सरकार हरसंभव कदम उठायेगी। माली में वे जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, उसके बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। हजारीबाग के उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने कहा है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इसपर उचित कार्रवाई की जा रही है।

मजदूरों का कहना है कि उनके साथ भारत से केएसपी नामक जो ठेकेदार आया था, वह भारत वापस चला गया है। उनके पास खाने के लिए भी एक-दो दिनों का अनाज बचा है। वे एक कमरे में रह रहे हैं। माली की कंपनी के अधिकारियों से उन्होंने बात की तो उन्हें बताया गया कि वे जिस एजेंसी के जरिए यहां आये हैं, वही इनके वेतन आदि के भुगतान के लिए जिम्मेदार है।

माली में बंधक बने मजदूर गिरिडीह जिले के बगोदर, डुमरी और सरिया प्रखंड और हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ़ एवं चुरचू के रहने वाले हैं। इनमें नंदलाल महतो, टिकेश्वर महतो, शंकर महतो, दिलीप महतो, कुंजलाल महतो, चांदो महतो, संतोष महतो, गोपाल महतो, हुलास महतो, लोकनाथ महतो, भोला महतो, सहदेव महतो, संतोष महतो, होरिल महतो, रूपलाल महतो, सुकर महतो, संदीप कुमार महतो, तिलक महतो, लालमणी महतो एवं अन्य हैं। बता दें कि झारखंड के कामगार अक्सर दलालों के चक्कर में पड़कर विदेशों में फंस जाते हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। ये इन्हें ज्यादा कमाई काका लालच देकर फांसते हैं।

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