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बाबरी विध्वंस के 33 साल… अयोध्या समेत ये शहर छावनी में तब्दील, पूरे UP में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की वर्षगांठ पर अयोध्या, मथुरा और पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अयोध्या, मथुरा के अलावा वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर और प्रयागराज जैसे बड़े जिलों में भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। ज्ञात हो कि 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों द्वारा अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद ध्वस्त कर दी गई थी।

अयोध्या में 4 दिसंबर से सुरक्षा चौकसी बढ़ाई गई है और लगातार निगरानी रखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में दिए गए निर्णय के बाद विवादित स्थल पर निर्मित राम मंदिर हाल ही में पूरा हुआ है और धर्म ध्वजा की स्थापना भी की जा चुकी है। इसी कारण सुरक्षा एजेंसियां आज विशेष रूप से सावधान हैं। अयोध्या के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि सभी थानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। 4 दिसंबर से अतिरिक्त निगरानी की जा रही है और आज सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के मद्देनजर 6 दिसंबर को शौर्य दिवस/काला दिवस से जुड़ी संभावनाओं को देखते हुए अयोध्या के साथ अवध क्षेत्र, विशेषकर प्रतापगढ़ में भी पुलिस प्रशासन सतर्क मोड पर है। आईपीएस प्रशांत राज सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदनशील इलाकों का दौरा कर पुलिस बल को निर्देश दिए हैं।

एसएसपी ने बताया कि होटल, ढाबे, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं की निरंतर जांच की जा रही है। शहर की सीमाओं पर आने-जाने वाले वाहनों की जांच बढ़ाई गई है। अयोध्या क्षेत्र में पैदल गश्त तेज कर दी गई है और पुलिसकर्मियों को राम मंदिर मार्ग सहित संवेदनशील जगहों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह परिसर को संवेदनशील मानते हुए वहां ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है।

हाल में दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट की घटना के बाद भी सतर्कता का स्तर ऊंचा कर दिया गया है। 6 दिसंबर को कुछ हिंदू संगठन शौर्य दिवस और कई मुस्लिम समूह काला दिवस के रूप में मनाते हैं, जिससे यह दिन कानून-व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जाता है।

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