जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचीं, जहां वह राज्य के विशेष दर्जा के खिलाफ अदालत में दायर मामले को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकती हैं. एक करीबी सहयोगी ने बताया कि महबूबा गुरुवार को अपराह्न दिल्ली पहुंचीं और मोदी से मुलाकात का समय मांगा. सर्वोच्च न्यायालय में जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35 ए के खिलाफ मामला दायर होने के बाद से इस पर चर्चा गरम है. वहीं गुरुवार को महबूबा मुफ्ती ने इसी मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की.
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विधायक ने दी हुर्रियत ज्वाइन करने की धमकी
जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद ने कहा कि अगर राज्य में लगी अनुच्छेद 35 ए से छेड़छाड़ की जाती है तो वह हुर्रियत ज्वाइन कर लेंगे. उनका कहना है कि मैं हुर्रियत से जुड़ने को तैयार हूं अगर वो लोग राजी हैं तो.
1954 में प्रेसीडेंशियल आर्डर पर संविधान में यह अनुच्छेद शामिल किया गया था, जिसके तहत जम्मू एवं कश्मीर के नागरिकों को विशेष अधिकार एवं सुविधाएं दी गई हैं. साथ ही यह अनुच्छेद राज्य के नीति निर्माताओं को राज्य के लिए कानून बनाने की पूरी अजादी देता है, जिसे कानूनी तौर पर चुनौती भी नहीं दी जा सकती.
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इस अनुच्छेद में प्रदत्त प्रावधान में जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को छोड़कर देश के सभी नागरिकों को जम्मू एवं कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी हासिल करने और राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ लेने से प्रतिबंधित किया गया है.
दिल्ली की एक गैर सरकारी संस्था ‘वी द सिटिजंस’ ने सर्वोच्च अदालत में इस अनुच्छेद को चुनौती दी है और मामले में केंद्र सरकार ने पिछले महीने कहा था कि इस अनुच्छेद को असंवैधानिक करार देने से पहले इस पर वृहद चर्चा की जरूरत है. याचिकाकर्ता संगठन का कहना है कि 1954 में राष्ट्रपति ने इस अनुच्छेद को शामिल करने के लिए संविधान में संशोधन नहीं किया था, बल्कि यह सिर्फ एक अस्थायी बंदोबस्त था.