3500 युवाओं से नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले शातिर गिरफ्तार
महानगर के बादशाहनगर में मेट्रो सिटी सिक्योरिटी सर्विसेज नाम से कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये ठगने के आरोपी ठाकुरगंज निवासी पंकज यादव और मड़ियांव के राजकुमार उर्फ राजू पासवान को एसटीएफ ने गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर करीब 3500 युवाओं को नौकरी का झांसा देकर रुपये ऐंठने का आरोप है। बीते दिनों ठगी के शिकार 20-25 युवाओं की शिकायत पर एसटीएफ ने यह कार्रवाई की। ठगों के पास से लैपटॉप, प्रिंटर, मेट्रो सिटी सिक्योरिटी सर्विसेज के 55 पहचान पत्र, बेरोजगारों के नाम व मोबाइल नंबर लिखे 10 रजिस्टर, 2200 युवाओं के बायोडाटा समेत कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
ठगों के खिलाफ महानगर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि मेट्रो सिटी सिक्योरिटी सर्विसेज कंपनी का दफ्तर बादशाहनगर मेट्रो स्टेशन के पास स्थित यश सिल्वर हाइट्स के फ्लैट नंबर 203 में चल रहा था। कंपनी संचालक पंकज मूलरूप से अंबेडकरनगर के जलालपुर का रहने वाला है और राजधानी के ठाकुरगंज के मुफ्तीगंज में रह रहा था। राजकुमार उर्फ राजू पासवान कुशीनगर के हनुमानगंज दरगौली का रहने वाला है है और यहां मड़ियांव के भिठौली चौराहा रायपुर में रह रहा था।
दोनों ठगों ने मेट्रो सिटी सिक्योरिटी डॉट इन नाम से वेबसाइट बनाई थी। इस वेबसाइट से दोनों बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देते थे। युवक वेबसाइट के जरिए ठगों से संपर्क करते तो उन्हें विभिन्न कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड, बाउंसर, सुपरवाइजर, टेलीकॉलर और मानव संसाधन जैसे पदों पर नौकरी का ऑफर दिया जाता। युवाओं से रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 400 रुपये और सिक्योरिटी मनी के रूप में पदों के अनुसार 2000 से 3000 रुपये जमा कराए जाते थे।
कंपनी बंद करके भागने की तैयारी कर रहे थे शातिर
पीड़ितों ने बताया कि ठगी के आरोपी कंपनी बंद करके भागने की तैयारी कर रहे थे। एसटीएफ अधिकारियों को उनकी मंशा के बारे में बताया गया जिसके बाद तत्काल पंकज और राजकुमार के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर ले लिया गया। ठगी की पुष्टि होने के बाद एसटीएफ ने गुरुवार रात दोनों को उनके ऑफिस से ही दबोच लिया।
निजी फाइनेंस कंपनी में काम करता था संचालक
एसटीएफ की पूछताछ में पंकज ने बताया कि वह एक निजी फाइनेंस कंपनी में काम करता था। उसके दोस्त प्रभात सोनी ने खुद की कंपनी बनाकर मोटी कमाई का सुझाव दिया। इसके बाद पंकज ने नौकरी छोड़कर प्रभात के साथ अक्तूबर 2018 में मेट्रो सिटी सिक्योरिटी सर्विसेज नाम से अपनी कंपनी बनाई और नौकरी का झांसा देकर युवाओं को ठगना शुरू कर दिया।
रजिस्ट्रेशन कराने वालों को देते थे फर्जी पहचानपत्र
पीड़ितों ने बताया कि कंपनी में रजिस्ट्रेशन कराने वालों को ठग फर्जी पहचानपत्र देते थे। इससे उन्हें नौकरी मिलने का विश्वास हो जाता था। ट्रेनिंग के नाम पर युवाओं से मेट्रो सिटी सिक्योरिटी सर्विसेज के ऑफिस में ही काम कराया जाता था। उनसे कहा जाता था कि ट्रेनिंग समाप्त होते ही नियुक्ति कराई जाएगी।
युवाओं को देते थे 25 और बेरोजगारों को कंपनी से जोड़ने का लक्ष्य
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को 25 और बेरोजगार लोगों को कंपनी से जोड़ने का लक्ष्य दिया जाता था। नौकरी मिलने की उम्मीद में कुछ युवक-युवती लक्ष्य पूरा करने में लग जाते थे और लोगों को कॉल करके कंपनी के ऑफिस बुलवाते थे जबकि कुछ युवा 10-15 दिन बाद फर्जीवाड़े को भांपकर ऑफिस जाना बंद कर देते थे।