36 घंटे बाद भी नहीं बुझी आग, 7 मंजिला कोल्ड स्टोरेज अग्निकांड में बर्बाद
सातों मंजिल में बने चेबरों को चपेट में ले लिया। आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। धुएं से आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत शुरू हो गई। आंखों में जलन होने लगी। आसपास के कई परिवार घर में ताला लगाकर रिश्तेदारों के घरों को चले गए। अगर लपटें बर्फ कारखाने तक पहुंच जाती और अमोनिया का रिसाव शुरू हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। स्थिति बेकाबू होने पर उन्होंने फिर अफसरों से शिकायत की। साथ ही मदद की गुजारिश की। इसके बाद एसीएम, सीओ अनवरगंज श्वेता यादव, अनवरगंज व रायपुरवा थाने की फोर्स पहुंची। एसीएम और सीओ के कहने पर फायर ब्रिगेड की 10 गाड़ियां पहुंची। कोल्ड स्टोरेज में लगी आग पर काबू पाने के लिए आडिनेंस फैक्ट्री और फर्टिलाइजर की भी गाड़ियों को बुलाया गया। लाटूश रोड और फजलगंज की गाड़ियां भी वहां पहुंची। अनवरगंज इंस्पेक्टर राजेश श्रीवास्तव भी फोर्स के साथ कोल्ड स्टोरेज पहुंचे। उन्होंने लाटूश रोड फायर स्टेशन अफसर और सीएफओ से गाड़ियां भेजने की गुजारिश की, लेकिन सभी ने अनसुना कर दिया।
कोल्ड स्टोरेज के बेसमेंट में लगी आग पर बुधवार रात दमकल कर्मियों ने काबू पा लिया था। वहां धुआं भरने की वजह से कुछ समझ में नहीं आ रहा था। हो सकता है कि कुछ सामान में आग सुलगती रही हो। कोल्ड स्टोरेज के मालिक से कहा गया था कि मजदूरों से बेसमेंट में भरे सामान को बाहर करा दें। फिर आग पूरी तरह बुझाई जा सकेगी लेकिन पूर्व महापौर ने अनसुना कर दिया था। इससे गुरुवार शाम फिर बेसमेंट में आग भड़क गई। छठ पूजा और मैच केमद्देनजर घाटों और ग्रीन पार्क में कर्मचारियों की गाड़ियों के साथ ड्यूटी लगी थी। इसलिए गाड़ियां और कर्मचारियों को कोल्ड स्टोरेज भेजने में दिक्कत आई।————- एमपी सिंह, सीएफओ
फायर अफसर ने बेसमेंट खाली कराने के लिए कहा था। जब वहां भरे धुएं की वजह से दमकल कर्मियों को आग बुझाने में दिक्कत हो रही था तो मजदूरों को वहां बोरे हटाने के लिए कैसा भेजा जा सकता था। मजदूरों की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती थी। —————-अनिल शर्मा, पूर्व महापौर