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36 दिन बाद नेवी ने मेघालय के खदान में 200 फीट नीचे से निकाला पहला शव


शिलॉन्ग : अवैध कोयला खदान में एक महीने से अधिक से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना ने पहला शव निकाला है। बताया जा रहा है कि एक मजदूर की डेड बॉडी खदान के 200 फीट अंदर मिली है। इस अवैध खदान के अंदर 15 मजदूर फंस गए थे। खनिकों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। मेघालय में गुरुवार को नेवी के गोताखोरों ने पूर्वी जयंतिया हिल्‍स जिले की खदान में फंसे एक मजदूर का शव निकाला है। नेवी की तरफ से खदान में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बयान जारी किया गया है। इसके मुताबिक भारतीय नेवी के गोताखोरों ने अंडरवॉटर आरओवी का इस्तेमाल करते हुए खदान के 210 फीट अंदर से एक शव को खोज निकाला है। पिछले साल 13 दिसंबर से अवैध कोयला खदान में फंसे 15 खनिकों को बाहर निकालने की लगातार कवायद चल रही थी। इसके लिए उच्च क्षमता वाले दो सबमर्सिबल पंपों के जरिए मुख्य शाफ्ट से पानी निकालने की कोशिश नाकाम रही थी। नेवी के साथ ही एनडीआरएफ के गोताखोरों की भी इस अभियान में मदद ली जा रही थी। खनिकों के रेस्क्यू में मशक्कत कर रहे प्रशासन की मदद के लिए ओडिशा दमकल विभाग का एक दल भी यहां पहुंचा था। इस दल को बचाव कार्य के दौरान तीन हेल्मेट मिले थे।

गौरतलब है कि 13 दिसंबर को 370 फीट गहरे कोयला खदान में नदी का पानी भर जाने से सुरंग का रास्‍ता बंद हो गया था। तब से इसमें फंसे 15 खनिकों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही थी। जनवरी में ही पूर्वी जयंतिया जिले में एक और अवैध कोयला खदान में दो खनिकों के शव मिले थे। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने असुरक्षित खनन पर 2014 से प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद अवैध खनन जारी है।

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