लखनऊ : राजधानी में नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है, लेकिन परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। शहरी क्षेत्र में परिषदीय स्कूल 198 हैं। इनमें 36 स्कूलों में पांच हजार बच्चे दर्ज हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। इनमें 25 प्राथमिक और 11 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक मार्च के महीने में रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में स्थायी शिक्षक नहीं होने से यहां पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग को इसकी पूरी जानकारी है। इसके बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है।
आलम यह है कि शिक्षक न होने से अब छात्रों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। तेलीबाग पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। मंगलवार को यहां एक शिक्षक के भरोसे पूरा कैंपस चल रहा था। विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में करीब पांच हजार छात्र पढ़ते हैं। चार तीन महीने हो गए, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। ऐसे में अब इन छात्रों की पढ़ाई शिक्षामित्र या बिना शिक्षक के ही हो रही है। विभाग के पास ऐसे स्कूलों की सूची तीन महीने से मौजूद है, लेकिन उसे लेकर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। कई जगह बेसिक शिक्षक ही पूर्व माध्यमिक के बच्चों को देख रहे है। 26 के अलावा 67 एकल विद्यालय ऐसे हैं, जहां महज एक शिक्षक से पूरा कैंपस चलता है। ऐसे में अगर शिक्षक किसी दिन अवकाश चले गए तो विद्यालय बंद करना पड़ सकता है। शिक्षक संगठनों ने इसे लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी दिया है, उसके बाद भी यहां नियुक्तियों को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में शिक्षकों के 136 पद खाली पड़े हैं।
दूसरे जिलों से अभी तबादला करवाकर 81 शिक्षक आए हैं, लेकिन इनकी नियुक्ति ग्रामीण इलाकों में होनी है। मानकों के अनुसार कक्षा एक से पांच तक के एक स्कूल में पांच शिक्षक होने चाहिए। ऐसे में बेसिक के 25 विद्यालयों में 125 शिक्षक, जबकि पूर्व माध्यमिक के 11 विद्यालयों में 33 शिक्षक होने चाहिए। बीएसए अमरकांत सिंह ने बताया कि जल्द ही शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। सबको बेहतर शिक्षा मिले, इसका ध्यान रखा जाएगा।