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ओडिशा के पुरी में अपने पीछे बर्बादी के निशान छोड़ गया ‘फानी’
भुवनेश्वर : बीते शुक्रवार को सबुह 7 बजे तक पुरी में समंदर किनारे तक जाना संभव था। इसके कुछ देर बाद ही तेज हवाओं के साथ रेतीली आंधी चली। कुछ ही मिनटों में सब कुछ धुंधला होने लगा। चक्रवात इस किनारे से महज कुछ इंच की ही दूरी पर था। ‘बीचफ्रंट होटल’ के ग्राउंड फ्लोर से तेज हवाओं की सीटी जैसी आवाज ही एकमात्र ऐसी ध्वनि थी, जिसे सुना जा सकता था। कुछ ही मिनट बाद होटल के कमरे की खिड़की का शीशा झटके के साथ टूट गया। जैसे-जैसे दोपहर 12:30 बजे तक हवा की गति धीमी पड़ रही थी, चारों तरफ सिर्फ तबाही का मंजर था। सड़कों पर कैब या ऑटो रिक्शा न होने की स्थिति में लोग पैदल ही सड़कों पर चलने को मजूबर थे। जहां यह तूफान झोपड़ियों को अपने साथ उड़ाकर ले गया, वहीं कलेक्टर, एसपी और दूसरे सरकारी अधिकारियों के आवास भी नुकसान से नहीं बच सके।