नई दिल्ली : अब ठंडे और शुष्क पड़ चुके लाल ग्रह पर चार अरब साल पहले गर्म और नम जलवायु था। शोधकर्ताओं को इसका पता मंगल सतह के एक प्राचीन क्षेत्र में नदी के किनारों का विश्लेषण करने के बाद चला है। युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के दल ने उत्तरी मैदानी भाग अरब टेरा के 17 हजार किमी से ज्यादा पहले की नदी प्रणाली की पहचान की है। जिससे इस साक्ष्य का पता चलता है कि मंगल पर कभी पानी बहता था। इस लेख के प्रमुख जोएल डेविस ने कहा, हमें अभी वहां विस्तृत नदी प्रणाली के साक्ष्य मिले हैं, जिससे मंगल के गर्म और नम होने की धारणा को समर्थन मिलता है। इससे पता चलता है कि यह शुष्क और ठंडे हो चुके ग्रह की तुलना में जीवन के लिए ज्यादा अनुकूल वातावरण था। साल 1970 के दशक से, वैज्ञानिकों ने मंगल पर घाटी और नदी माध्यमों की पहचान की है। उनका मानना है कि यह जमीन की तरह बारिश और सतह के घिसने से बनी हैं। इसी तरह की संरचनाएं अरब टेरा में नहीं देखने को मिलीं, जब दल ने नासा के मंगल रिकानसन्स आर्बिटर (एमआरओ) यान के जरिए उच्च रिजोल्यूशन से चित्रों का विश्लेषण नहीं किया नए अध्ययन में ब्राजील के इलाके को ढके क्षेत्र के चित्रों का परीक्षण उच्च रिजोल्यूशन पर विश्लेषण से किया गया। टीम ने अपने खुलासे में कई तरह के नदी स्तर की जीवाश्म प्रणाली होने की बात कही है, जो अरब के टेरा मैदान के इलाकों में उल्टे माध्यमों के रूप में फैले हुए दिखाई देते हैं। यह उल्टे माध्यम ही पृथ्वी और मंगल दोनों पर एक समान रूप से मिले हैं। ओपन विश्वविद्यालय में वरिष्ठ व्याख्याता और एक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के सह-लेखक मैथ्यू ब्लेमी ने कहा, ये प्राचीन मंगल ग्रह बाढ के मैदान बीते हुए जीवन के खोज के लिए बेहतरीन स्थान हैं।