जयपुर । प्रदेश में बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव कार्य यु़द्धस्तर पर जारी है। जिला प्रशासन, सेना दल, वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं नागरिक सुरक्षा की टीमों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों से 4 हजार 302 व्यक्तियों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में फंसे नागरिकों को एयरलिफ्ट करने के लिए 2 दिनों से कोटा हैलीपेड पर हैलीकॉप्टर की तैनाती भी की है।
आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के शासन उप सचिव ने बताया कि मध्य प्रदेश एवं राज्य में भारी वर्षा होने के कारण चम्बल, कालीसिंध, परवन, पार्वती व मैज नदियों एवं राणाप्रताप सागर, कालीसिंध, कोटा बैराज, जवाहर सागर, पार्वती डेम एवं गुढ़ा डेम बांधों में अत्यधिक पानी की आवक से अधिकतर बांधों के गेट खोलने के कारण राज्य के कोटा, बूंदी, बारां, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़ एवं धौलपुर जिलों में जलभराव से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
उन्होंने बताया कि उक्त जिलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए व्यक्तियों को सुरक्षित बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है। झालावाड़ में 751 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। जिले में एसडीआरएफ की 3, एनडीआरएफ की एक, सेना बचाव दल एवं नागरिक सुरक्षा की टीमें तैनात है। कोटा में 1286 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है एवं यहां एनडीआरएफ की 2, एसडीआरएफ की 4, एवं सेना की एक टीम तैनात है। वहीं, धौलपुर में 1460 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया है। सेना का एक कॉलम व एसडीआरएफ की 4 टीमें तैनात यहां बचाव कार्य में लगी हुई हैं। बारां में 708, बूंदी में 15 व करौली में 82 व्यक्तियों का रेस्क्यू किया गया।
शासन उप सचिव ने बताया कि बारां जिले के तहसील छबड़ा के खुरई ग्राम क्षेत्र से 13 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट किया गया है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में जिला प्रशासन, सेना दल, वायु सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एवं नागरिक सुरक्षा की टीमों तथा ग्रामीणों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशानुयार फसलों एवं मकानों में हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करवाए जाने एवं बाढ़ के कारण हुई क्षति पर प्रभावित व्यक्तियों को एसडीएफ नॉर्म्स के अनुसार राहत सहायता दिए जाने हेतु निर्देश प्रदान कर दिए गए है। आपदा प्रंबधन एवं सहायता विभाग द्वारा इस मद में समस्त जिलों को पर्याप्त राशि आवंटित भी कर दी गई है।