40 की उम्र में भी इतिहास रच रहा हैं ये बेहतरीन खिलाडी
इन दिनों जिस तरह की क्रिकेट देखने को मिल रही है, उसमें 35 से 36 की उम्र वाले खिलाड़ियों को करियर के अंतिम पड़ाव पर माना जाता है। घरेलू क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर 40 साल के हो गए हैं और नागपुर के जमाथा स्टेडियम में खेले जा रहे ईरानी ट्रोफी में वह अपने तिहरे शतक से सिर्फ 15 रन दूर खड़े हैं। अपनी इस मैराथन पारी से जाफर ने यह बता दिया है कि विदर्भ की टीम में उनकी क्या उपयोगिता है। जाफर की इस पारी की बदौलत विदर्भ (598/3) रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गया है।
जाफर ने इससे पहले गोवा के खिलाफ भी एक लंबी और अहम पारी खेली थी। गोवा के खिलाफ एक धीमे और स्पिन लेते ट्रैक पर इस बल्लेबाज ने 6 घंटे से ज्यादा समय तक मोर्चा संभाले रखा था। कई जानकार मान रहे थे कि अब जाफर ने अपने अनुभव का लाभ लेकर अपनी टीम विदर्भ को रणजी चैंपियन बना दिया है और अब शायद वह क्रिकेट को अलविदा कह देंगे, लेकिन ईरानी ट्रोफी में मैराथन पारी खेलकर इस बल्लेबाज ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि अभी बल्ला छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है।
विदर्भ के लिए करीब 145 ओवर से क्रीज पर खड़े जाफर ने अपनी फिटनेस और इससे भी ज्यादा रनों के प्रति उनकी भूख ने उनकी उम्दा क्लास का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक जाफर 285* (425B, 34×4, 1×6) पर लौटे। वह अपने रेकॉर्ड तिहरे शतक से सिर्फ 15 रन दूर हैं और मैच के तीसरे दिन यहां बारिश ने दस्तक दे दी है, जिसके कारण तीसरे दिन का खेल शुरू नहीं हो पाया है।
पहले सत्र के बाद बैटिंग पर उतरे जाफर ने विदर्भ और रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाड़ियों को सेशन दर सेशन अपनी पर्मानेंट क्लास को दिखाया। विदर्भ के खिलाड़ी जहां इस इनिंग को एन्जॉय कर रहे होंगे वहीं रेस्ट ऑफ इंडिया की टीम जाफर के सामने सिर्फ पसीना ही बहाती दिखी। हालांकि दोनों टीमों के खिलाड़ी जाफर की इस पारी से धैर्य, सूझबूझ और पिच पर खड़े रहने का उनका काबिलेतारीफ जज्बे को अपने खेल में उतारने की सीख ले सकते हैं।
विदर्भ की टीम दो दिन के खेल के बाद 598/3 (180 ओवर में) बनाकर मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। जाफर अपने तिहरे शतक से 15 रन दूर हैं और खेल प्रेमियों की नजरें अभी आसमान पर टकटकी लगाए हैं कि कब बारिश थमे और कब उन्हें जाफर के बल्ले से यह कीर्तिमान बनता दिखा।