40 साल पहले ही लग गई थी कोरोना वायरस की भनक, हैरान हैं वैज्ञानिक और डॉक्टर्स
नई दिल्ली: क्या कोरोना वायरस महामारी का किसी को पहले ही पता चल गया था? क्या वायरस से हजारों चीनी मारे जाएंगे इसकी भी जानकारी किसी के पास पहले से थी? वैज्ञानिक और डाक्टर इस बात पर कभी भरोसा नहीं करेंगे, लेकिन ये बात सच है. आज से लगभग 40 साल पहले एक लेखक ने कोरोना वायरस की भविष्यवाणी की थी. उसने अपनी किताब में पहली बार ‘कोरोना’ शब्द का इस्तेमाल भी किया. इस किताब में घातक संक्रमण के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी. अब इस किताब की चर्चा सोशल मीडिया में होने लगी है.
क्या हुई थी भविष्यवाणी
एक थ्रिलर उपन्यास, द आइज ऑफ डार्कनेस, जिसे 1981 में डीन कोन्टोज़ ने लिखा था, ने वुहान – 400 नामक एक वायरस का उल्लेख किया था. उपन्यास में, वायरस को एक प्रयोगशाला में एक हथियार के रूप में बनाने की बात कही गई है. अब अपने ट्वीट के जरिए लोगो द्वारा इस उपन्यास में लिखी गई वो लाइन शेयर की गई है, जिसमें वुहान-400 वायरस का उल्लेख किया गया है. खुद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीटर हैंडल के जरिए इसे शेयर किया है.
इस रहस्यमय खुलासे से वैज्ञानिक हैं दंग
वैज्ञानिक इस किताब में हुए भविष्यवाणी से हैरान हैं. लोग अब इस किताब में लिखी बातों को मौजूदा महामारी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. वो ये जानने की भी कोशिश कर रहे हैं कैसे किताब में कोरोना शब्द का पहली बार इस्तेमाल हुआ और वायरस के घातक रूप के बारे में इतनी सटीक भविष्यवाणी कैसे की गई.
बताते चलें कि कोरोना वायरस की वजह से मंगलवार तक लगभग 1,868 की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 72,436 लोग वायरस से संक्रमित है. चीन सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है.