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दिल्ली के 40 स्कूलों को एक साथ फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, ‘आप’ ने बोला केंद्र पर हमला

नई दिल्ली : दिल्ली में एक बार फिर 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इस धमकी के बाद स्कूल पहुंचे बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है। सावधानी के तौर पर फायर ब्रिगेड और सुरक्षा विभाग की टीमें स्कूलों में जांच कर रही है। सोमवार की सुबह 7 बजे आरके पुरम के डीपीएस, पश्चिम विहार के जीडी गोयनका स्कूल, मदर मैरी स्कूल समेत 40 स्कूल मैनेजमेंट को बम की धमकी भरा ईमेल आया है ये मामला सामने आते ही सबसे पहले बच्चों को घर भेजा गया और पुलिस को जानकारी दी गई। फायर डिपार्टमेंट और दिल्ली पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र पर निशाना साधते हुए लिखा, “दिल्ली में रोजमर्रा होने वाली फिरौती, हत्याओं, गोलीबारी की घटनाओं के बाद अब स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियाँ मिल रही है। दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर की ऐसी बदहाल हालत पहले कभी नहीं रही। भाजपा शासित केंद्र सरकार दिल्ली वालों को सुरक्षा देने के अपने इकलौते काम में फेल हो चुकी है।”

इस खबर को देखते हुए आम आदमी पार्टी के राशि संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया के जरिए लिखा, “दिल्ली वालों ने दिल्ली में कानून व्यवस्था की इतनी बुरी हालत पहले कभी नहीं देखी थी। अमित शाह को आकर दिल्ली वालों को जवाब देना चाहिए।”

वहीं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा, “दिल्ली के 40 स्कूलों में बम की यह धमकी दिल दहला देने वाली है। ईश्वर सब ठीक रखें।” दिल्ली में लगातार हो रही घटनाओं को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी समेत सभी नेता लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। इनका कहना है कि केंद्र सरकार के पास एक ही जिम्मेदारी है वह भी सुरक्षा व्यवस्था की। जिसको लेकर केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय पूरी तरीके से फेल हो चुका है और लगातार दिल्ली में घटनाएं होती जा रही है।

दिल्ली के स्कूलों में मिली इस धमकी को लेकर अब दिल्ली में राजनीति गर्माने लगी है। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी लगातार सुरक्षा व्यवस्था के मामले में केंद्र सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही थी वही इस बम की घटना से “आप” को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है।

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