ब्रिटेन की गलियों में घूम रहे चलते-फिरते 400 बम, सरकार के पास आया अलर्ट

नई दिल्ली : ब्रिटेन की सड़कों पर इस वक्त 400 से ज्यादा ऐसे लोग खुलेआम घूम रहे हैं जो कभी इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए लड़ चुके हैं. ये वही लोग हैं जो कभी सीरिया और इराक जाकर आतंकी संगठन का हिस्सा बने थे. अब ब्रिटिश संसद की एक रिपोर्ट में साफ कहा गाया है कि इनमें से किसी को भी उनके अपराधों के लिए सजा नहीं मिली है. संसद की ज्वाइंट कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (JCHR) की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 400 से ज्यादा लोगों में से कई ने सीरिया और इराक में नरसंहार, आतंकवादी हमलों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न जैसे अपराध किए थे. बावजूद इसके ब्रिटेन लौटने के बाद उन्हें सजा नहीं दी गई. कमेटी का कहना है कि ये लोग अब देश के अंदर चलते फिरते बम बन चुके हैं. ये स्थिति न सिर्फ कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय इंसाफ की भी अवहेलना है.
सरकार की तरफ से अब तक यही कहा गया है कि इन अपराधों की जांच और सजा वहां के स्थानीय कानूनों के तहत होनी चाहिए जहां ये घटनाएं हुई थीं. लेकिन संसद की कमेटी ने साफ किया है कि सीरिया और इराक में ऐसे मामलों की जांच और सजा की कोई गारंटी नहीं है. JCHR की रिपोर्ट में मांग की गई है कि जब ब्रिटेन के पास इन अपराधों पर कार्रवाई करने का अधिकार है तो उसे इसका इस्तेमाल करना चाहिए. इसके लिए संसद में मौजूद ‘क्राइम एंड पुलिसिंग बिल’ में बदलाव की सिफारिश भी की गई है, जिससे गैर-ब्रिटिश लोगों पर भी मुकदमा चलाया जा सके.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पुलिस और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के बीच तालमेल की कमी है, जिसकी वजह से जरूरी सबूत समय पर इकट्ठा नहीं हो पाते और आरोपी बच निकलते हैं. कमेटी के चेयरमैन लॉर्ड एल्टन का कहना है कि ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि अपराध विदेश में हुआ. हमें मालूम है कि ब्रिटिश नागरिकों ने ISIS में रहते हुए भयानक अपराध किए हैं. अब हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें सज़ा दिलाई जाए. रिपोर्ट में एक और अहम पहलू उठाया गया है. और वो ये कि सीरिया के कैपों में फंसे ब्रिटिश बच्चों की वापसी. कमेटी ने कहा है कि इन बच्चों को खराब हालात में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है और अगर समय रहते इन्हें वापस नहीं लाया गया, तो ये भविष्य में कट्टरपंथ की राह पकड़ सकते हैं.