44 साल बाद हिसार में पारा पहुंचा -1 डिग्री, 31 तक नही मिलेगी कोई राहत
पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते प्रदेश में दिसंबर माह का अंतिम सप्ताह सर्दी के लिहाज से नए रिकॉर्ड बना रहा है। हिसार में 44 साल बाद न्यूनतम तापमान माइनस एक (-1.0) डिग्री पहुंच गया। वहां वर्ष 1973 में न्यूनतम तापमान माइनस 1.5 डिग्री सेल्सियस रहा था।
इसके बाद 2013 में माइनस 0.8 और 2011 में शून्य डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा था। इन दिनों समूचा हरियाणा भीषण सर्दी की चपेट में है। बुधवार को प्रदेश में इस सीजन की सबसे तेज सर्दी दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञों ने पाला पड़ने की चेतावनी जारी की है। कुछ जिलों में सुबह के वक्त ओस की बूंदें जम गईं। प्रदेश में लगातार गिर रहे तापमान के चलते गेहूं की फसल को छोड़कर अन्य फसलों और सब्जियों में नुकसान की आशंका जताई गई।
वहीं शीतलहर, गलन और ठिठुरन के चलते प्रदेशवासियों को दिन में भी राहत नहीं मिल रही है। दिन का अधिकतम तापमान भी बीस डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। रोहतक में अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक शीतलहर चलने का पूर्वानुमान जारी किया, लेकिन 31 दिसंबर तक सर्दी से राहत मिलने के आसार नहीं है। इस बीच सुबह दस बजे तक गहरी धुंध का असर रहेगा। हालांकि दिन में मौसम साफ रहेगा। कुछ स्थानों पर आंशिक बादल छा सकते हैं।