पूर्वोत्तर राज्यों में आफत, सिक्किम में भूस्खलन प्रभावित 44 पर्यटक किए गए रेस्क्यू, असम में भी बाढ़ बनी मुसीबत

पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश और बाढ़ ने बुरा हाल कर रखा है। असम, सिक्किम, मणिपुर समय कई राज्यों में बाढ़ के कारण गांव के गांव खाली हो चुके हैं और शहरों में भी सड़कों पर नाव चल रही हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ और सेना की सहायता ली जा रही है। उत्तरी सिक्किम में भूस्खलन के कारण कई घर तबाह हो गए हैं वहीं प्रदेश के 15 जिलों में 4 लाख से अधिक लोग कुदरत के कहर से प्रभावित हैं।
उत्तरी सिक्किम में भूस्खलन से चातेन इलाके में फंसे 44 पर्यटकों को सेना और एनडीआरएफ ने रेस्क्यू किया है। बताया जा रहा है कि चार पर्यटकों का अब तक कुछ पता नहीं चला है। इसके अलावा असम में बारिश कुछ कम होने से नदियों का जलस्तर भी गिरा है, लेकिन अभी भी लाखों की संख्या में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तरी सिक्किम सेना के हेलीकॉप्टर से 63 लोगों का रेस्क्यू
गंगटोक में अधिकारियों ने बताया कि अभी भी उत्तरी सिक्किम में हालात बहुत ठीक नहीं हैं। कई इलाके में भूस्खलन की घटना हुई है। इसमें चातेन क्षेत्र में सेना ने चातेन में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सुबह अभियान चलाया। सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर से एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया था। बचाव टीम क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों के लिए रसद सामग्री और बचाव कार्य में सहायता के लिए कुछ जरूरी सामान भी ले गई थी। क्षेत्र से 63 लोगों को रेस्क्यू कर पाकयोंग स्थित ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे पर लाया गया। इनमें 44 पर्यटक और 17 स्थानीय लोग शामिल थे।
बाढ़ से कुछ राहत, फिर भी असम के 15 जिलों में संकट
असम में बारिश कम होने से नदियां का जलस्तर कम होने से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कमी आई है लेकिन अभी भी संकट खत्म नहीं हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की माने तो राज्य में बाढ़ से अभी भी 15 जिलों में सवा चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। प्रदेश में 1,296 गांव बाढ़ में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। कुदरत के कहर से अब तक प्रदेश में 21 लोगों की मौत भी हो चुकी है। श्रीमूमि, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, सोनीतपुर, धेमाजी, माजुली, दरांग, तिनसुकिया, जोरहाट जिले में बाढ़ के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हैं।
असम के राहत शिविर में 40 लाख लोग
असम में बाढ़ की स्थिति इतनी खतरनाक है कि गांव क्या शहरों में भी लोग घरों को छोड़कर दूसरे ठिकानों पर चले गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 328 राहत शिविर बनाए गए हैं जिसमें 40 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों को इन शिविरों में भोजन सामग्री और अन्य सिविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।