48 घंटों से पाक की गोलीबारी जारी, त्राल में सेना ने मार गिराए 2 आतंकी, 1 जवान शहीद
पाकिस्तान सेना के जवानों ने संघर्षविराम का एक बार फिर उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मनकोट इलाके में बनी अग्रिम चौकियों और नागरिक क्षेत्रों में मोर्टार से गोलाबारी की। पाकिस्तानी सेना बीते पांच दिन से लगातार सीजफायर का उल्लंघन पुंछ के विभिन्न सेक्टरों में कर रही है।
भारतीय सेना भी पाक की हर हरकत का माकूल जवाब दे रही है। अधिकारियों के अनुसार इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि 2018 में अक्टूबर के अंत तक पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की लगभग 1,600 घटनाओं को अंजाम दिया गया, जो अभी तक एक वर्ष में संघर्षविराम उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले हैं।
त्राल में सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़, 4-5 के घिरे होने की सूचना
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में साल का दूसरा मुठभेड़ शनिवार को शुरू हुआ। माना जा रहा है कि हिजबुल का टाप कमांडर हम्माद खान फंसा हुआ है। फिलहाल दोनों ओर से फायरिंग चल रही है। इस दौरान सेना और सीआरपीएफ की टीम ने 2 आतंकियों को मार गिराया। जबकि सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया।
सुरक्षा बलों को जिले के अरिपाल इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इस पर सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। 42 राष्ट्रीय राइफल्स, 180 सीआरपीएफ बटालियन व एसओजी अवंतीपोरा का घेरा सख्त होता देख छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई।
सूत्रों ने बताया कि हम्माद खान समेत दो से तीन आतंकी घिरे हुए हैं। संभावित ठिकाने के करीब पहुंचने पर सुरक्षा बलों ने पहले हवाई फायरिंग कर आतंकियों को समर्पण के लिए कहा। इस पर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
मुठभेड़ शुरू होते ही आस-पास के इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई। भीड़ मुठभेड़ स्थल तक न पहुंचे इस वजह से गांव तक पहुंचने वाले रास्ते सील कर दिए गए थे।
दो दिन पहले हिजबुल के तीन आतंकी मारे गए थे।
इससे पहले गत वीरवार को साल के पहले मुठभेड़ में पुलवामा के त्राल इलाके के गुलशनपोरा में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकी मार गिराए गए थे। इस दौरान तीन जवान घायल हुए थे। मुठभेड़ के बाद भड़की हिंसा में दर्जनभर से अधिक पत्थरबाज घायल हो गए। पूरे इलाके में तनाव की स्थिति रही। मुठभेड़ शुरू होते ही युवा सड़कों पर उतर आए थे। उन्होंने सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर पथराव शुरू कर दिया। स्थिति को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे।