मुंबई : बॉलीवुड की डांस क्वीन माधुरी दीक्षित ने शुक्रवार को अपने जीवन का एक और पड़ाव पार करते हुए बढ़ती उम्र को महज नंबरों का खेल बताया। माधुरी ने आज अपने जीवन के 48 बरस पूरे किए। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि उम्र महज एक नंबर है। मुझे उसका कोई डर नहीं है। वह मुझे कुछ भी करने से नहीं रोकती। मुझे लगता है प्रतिभा समय से परे हैं और मुझे उसमें विश्वास है। डासिंग दीवा अपना जन्मदिन सादगी से अपने घरवालों के साथ मना रही हैं। पिछला साल उनके लिए बेहतरीन रहा उनकी ऑनलाइन डांस अकैडमी को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। माधुरी ने इसके लिए अपने परिवार, दोस्तों और फैन्स का शुक्रिया अदा किया। माधुरी ने कहा कि मुझे अपना जन्मदिन का तोहफा 13 मई को ही मिल गया था जब हमने डांसिंग विद माधुरी का वर्जन-2 और उसकी मोबाइल ऐप लॉन्च की। इसके जरिए मेरी इच्छा डांस को दुनिया के हर शख्स तक पहुंचाना है। इसके लिए हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। धुरी ने बताया कि उनके जन्मदिन का सबसे खास तोहफा उनके दोनों बेटों से मिला वह कार्ड है जिसे उन्होंने खुद बनाया था। इसके अलावा एक बार उन्होंने मेरे लिए अपने पिता के साथ जाकर एक ब्रैरस्लेट खरीदा था वह भी मेरे लिए बेहद खास है। माधुरी दीक्षित का जन्म 15 मई 1967 को मुंबई में एक मध्यमवर्गीय मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से हासिल की। इसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय में ‘माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट’ बनने के लिये दाखिला ले लिया। इस बीच उन्होंने लगभग आठ वर्ष तक कथक नृत्य की शिक्षा भी हासिल की।
अभिनेत्री ने अपने सिने करियर की शुरुआत 1984 में राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘अबोध’ से की लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से नकार दी गयी। वर्ष 1984 से 1988 तक वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करती रहीं। ‘अबोध’ के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करती चली गयीं। इस बीच उन्होंने ‘स्वाति’, ‘आवारा बाप’, ‘जमीन’, ‘मोहरे’, ‘हिफाजत’ और ‘उत्तर दक्षिण’ जैसी कई दोयम दर्जे की फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई। हालांकि वर्ष 1988 में उन्हें विनोद खन्ना के साथ फिल्म ‘दयावान’ में काम करने का मौका मिला लेकिन इससे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं मिला। माधुरी दीक्षित की किस्मत का सितारा वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म ‘तेजाब ’से चमका। फिल्म में माधुरी दीक्षित ने अनिल कपूर के साथ काम किया। फिल्म में उन पर फिल्माया यह गीत ‘एक दो तीन’ उन दिनो श्रोताओं के बीच छा गया था। फिल्म की सफलता के बाद माधुरी दीक्षित फिल्म इंडस्ट्री में अपनी सही पहचान पाने में कुछ हद तक कामयाब हो गयी। वर्ष 1990 में माधुरी दीक्षित के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ‘दिल’ प्रदर्शित हुई। फिल्म में माधुरी दीक्षित और आमिर खान की जोड़ी को सिने दर्शको ने काफी पसंद किया। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई साथ ही फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये माधुरी दीक्षित को अपने सिने करियर का पहला फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।